केंद्र सरकार ने पिछड़े (OBC) और अल्पसंख्यक समुदायों (Minority Community) के बच्चो के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप (pre-matric scholarship) योजना में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने इस योजना में कक्षा 9 और 10 के छात्रों को शामिल करते हुए कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को बाहर कर दिया है। इससे पहले प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना SC/SC, OBC और अल्पसंख्यक समुदाय के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की शिक्षा को कवर करती थी।
आपको बता दें कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित ग्रेड 1 से 8 के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति को रोकने के लिए केंद्र सरकार की एक अधिसूचना ने शिक्षाविदों को नाराज कर दिया है।
बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा देना अनिवार्य
“शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम सरकार के लिए प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8 तक) प्रदान करना अनिवार्य बनाता है। तदनुसार, कक्षा 9 और 10 में पढ़ने वाले छात्रों को ही पूर्व के तहत कवर किया जाता है।सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना,” केंद्र सरकार ने एक नोटिस में कहा।
सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा
इस फैसले पर राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘दशकों से SC/ST पृष्ठभूमि के बच्चों को कक्षा 1 से 8 तक छात्रवृत्ति मिल रही है, लेकिन सरकार ने 2022-23 से छात्रवृत्ति बंद कर दी है, जो गरीबों के खिलाफ एक ‘साजिश’ है।