Coal Smuggling Case : सीबीआई ने बंगाल के कानून मंत्री के परिसरों पर मारे छापे - Punjab Kesari
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Coal Smuggling Case : सीबीआई ने बंगाल के कानून मंत्री के परिसरों पर मारे छापे

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने आसनसोल में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ की खदानों से कथित तौर पर कोयला तस्करी किये

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आसनसोल में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ की खदानों से कथित तौर पर कोयला तस्करी किये जाने के मामले में पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलय घटक के परिसरों पर बुधवार को छापे मारे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय अर्धसैनिक बल के कर्मियों की बड़ी टुकड़ी के साथ पहुंची सीबीआई अधिकारियों की टीम ने पश्चिम वर्धमान जिले के आसनसोल में घटक के तीन मकानों और कोलकाता में दो मकानों पर छापे मारे।
सीबीआई ने घटक के करीबी सहयोगी के कोलकाता में अलीपुर स्थित आवास तथा दक्षिण 24 परगना में डायमंड हार्बर में एक मकान पर भी छापा मारा।
सीबीआई की एक टीम ने मंत्री से पूछताछ की, वहीं दूसरी टीम ने लेक गार्डन स्थित उनके आवास पर छापे मारे। जांच एजेंसी ने शहर के डलहौजी इलाके में राजभवन के सामने स्थित घटक के आधिकारिक आवास पर उनसे पूछताछ की।
अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई शाम करीब साढ़े चार बजे तक चली।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने उनसे पूछा कि हमारी जांच में उनका नाम कैसे आ रहा है और उनकी क्या भूमिका रही है। लेकिन उन्होंने सवाल का जवाब देने से बचने की कोशिश की और मामले को अदालत में लंबित बताया।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘मंत्री के सीए से भी उनकी संपत्तियों के बारे में पूछताछ की गई।’’
अधिकारी के अनुसार, आसनसोल स्थित मंत्री के मकान पर मारे गये छापे के दौरान उनके परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन ले लिए गए थे और उन सभी को एक कमरे में एक साथ बैठाया गया था।
अधिकारी के मुताबिक, घोटाले से जुड़े दस्तावेजों की तलाश में अगर सीबीआई के अधिकारियों को अलमारियों की चाभी नहीं मिल रही है, तो वे ताले तोड़ कर अलमारियां खोल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि छापे के दौरान केन्द्रीय बलों के जवानों ने उनके मकानों को चारों तरफ से घेर रखा था।
आरोप साबित होने पर राजनीति छोड़ने की बात करते हुए घटक ने कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए ‘‘राजनीतिक रूप से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।’’
शाम में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘छापों पर मुझे एक बात कहनी है : यह कार्रवाई मुझे और पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) को बदनाम करने के लिए की जा रही है, जो नहीं होना चाहिए। यह राजनीतिक रूप से निशाना बनाया जाना है, और यहां तक कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआई और प्रेस को भी पता है कि यह किसके इशारे पर हो रहा है। सभी को पता है कि कोयला घोटाले के लिए कौन जिम्मेदार है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा नेताओं के अलावा, अगर आसनसोल में एक व्यक्ति भी कह दे कि मैं कोयला घोटाले से जुड़ा हुआ हूं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अगर वे कुछ भी साबित कर सके तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।’’
घटक ने कहा कि सीबीआई को छापे में कुछ नहीं मिला है, उसे सिर्फ 14,000 रुपये नकद मिले हैं और ‘‘उन्होंने नकदी जब्त नहीं की और दावा किया कि यह कोई बड़ी राशि नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि उनके पास सात मकान नहीं है और जो भी पैसा है, सबका हिसाब है।
कोयला घोटाले में पैसों की लेन-देन की जांच कर रही ईडी ने भी घटक को सम्मन जारी करके उनसे 14 सितंबर को नयी दिल्ली में एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को कहा है।
पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है। मैंने खबरें देखी हैं कि मुझे 14 सितंबर को दिल्ली बुलाया गया है। मैंने ईडी को पत्र लिखकर मुझे 13 सितंबर से पहले बुलाने का अनुरोध किया है क्योंकि 14 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। मैंने हमेशा जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और अगर वे मुझे बुलाते हैं तो मैं दिल्ली जरूर जाउंगा।’’
घटक आसनसोल उत्तर से विधायक हैं और वे कोयला तस्करी मामले में एक बार दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए थे। इसके बाद ईडी द्वारा कई बार तलब किए जाने के बावजूद वह पेश नहीं हुए।
पहले ईडी के समक्ष पेश नहीं होने के संबंध में मंत्री ने सम्मन भेजे जाने के समय की ओर इंगित किया। उन्होंने कहा, उन तारीखों को देखें जब मुझे बुलाया गया है। पहली बार आसनसोल निकाय चुनाव से चार दिन पहले। अगला आसनसोल लोकसभा उपचुनाव से छह दिन पहले। मैं उपस्थित नहीं हो सका क्योंकि चुनाव प्रचार में व्यस्त था।’’
इसपर भाजपा का कहना है कि अगर मंत्री ने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें कोई डर नहीं होना चाहिए।
भाजपा के प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘अगर किसी ने कुछ गलत नहीं किया है, तो वह ईडी या सीबीआई का सामना करने से क्यों डर रहा है?’’
सीबीआई ने नवंबर 2020 में अनूप मांझी उर्फ लाला, ईसीएल के महाप्रबंधक अमित कुमार धर और जयेश चंद्र राय, ईसीएल सुरक्षा प्रमुख तन्मय दास, कुनुस्तोरिया क्षेत्र के सुरक्षा निरीक्षक धनंजय राय और काजोर इलाके के सुरक्षा प्रभारी देबाशीष मुखर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

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