गत दिनों पूर्व मेघालय के राज्यपाल पद से रिटायर होने वाले सत्यापल मलिक से सीबीआई ने पूछताछ शुरू कर दी हैं। दरअसल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन के चलते सरकार के खिलाफ बयान दिया था उन्हें जम्मू कश्मीर में एक फाइल क्लीयर करने के लिए 300 करोड़ की पेशकश की गई थी। मलिक ने कहा था उस फाइल में उधोगपति अंबानी व भाजपा नेता का संबंध था। जिसके परिपेक्ष में सीबीआई आज सत्यपाल मलिक से दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ कर रही हैं।
आपको बता दे की सत्यपाल मलिक को केंद्र सरकार ने 2019 के उपरांत राज्यपाल के तौर पर जम्मू कश्मीर भेजा था, उसी उपरांत की व्याख्या करते हुए सत्यपाल मलिक ने एक बयान में कहा था कि उन्हें दो फाइल को पास करने के लिए 300 करोड़ रूपये की रिश्वत देने की बात कही गयी थी । उनके इस बयान को लेकर जम्मू कश्मीर के वर्तमान उपराज्यपाल ने केंद्र सरकार से सीबीआई जांच कराने की सिफारिश करने कर दी थी ।दरअसल संविधान के मुताबिक राज्यपाल के पद पर आसीन व्यक्ति से कोई भी जांच एंजेसी किसी भी मामले में पूछताछ नहीं कर सकती हैं । लेकिन सत्यपाल मलिक गत दिन ही राज्यपाल के पद से रिटायर हो गए हैं । जिसके बाद सीबीआई ने रिश्वत की पेशकश किए जाने के मामले में उनसे गहनता के साथ पूछताछ कर रही हैं ।
बयान के बाद मलिक ने की पीएम मोदी की भूरी -भूरी प्रशंसा
इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि उस वक्त पीएम ने उनसे कहा था कि वह भ्रष्टाचार से कोई समझौता न करें। उनके इस दावे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र सरकार से की थी। जिसे अब केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया है।
सत्यपाल के बयान के कारण हावी हो था मोदी सरकार पर विपक्ष
सत्यपाल काफी दिनों से केंद्र व बीजेपी को घेर रहे हैं । मलिक का दावा हैं कि उनके द्वारा ही राकेश टिकैत के कृत्य को देखकर उन्होनें ही गृहमंत्री को कर फोन टिकैत की गिरफ्तारी रूकवाई थी । किसान आदोंलन के चलते सत्यपाल मलिक जाटों के वोटबैंक को साधते बीजेपी के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए थे । मलिक के कई बयानों के कारण केंद्र सरकार की हालत पतली हो गई थी । लेकिन सत्यपाल मलिक ने अपने बयानों के कारण बिना मतलब सीबीआई को अपने द्वार पहुंचाया हैं ।