बालासोर रेल हादसा ये वो दिन जिसने पुरे देश की आँखों को नम कर दिया था। केंद्रीय रेल मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक घटनास्थल पर तुरंत पहुंचे और स्थति के बारे में जानकारी लेकार्यवाही के निर्देश दिए। इस पर पक्ष – विपक्ष के बीच भी शब्द बाण चले लेकिन इस हादसे की जाँच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो कर रही है।
रेलवे अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, भुवनेश्वर की अदालत में तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। अधिकारियों को 7 जुलाई, 2023 को गिरफ्तार किया गया था और वे वर्तमान में बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन, बालासोर (ओडिशा) में ट्रेन दुर्घटना से संबंधित मामले की चल रही जांच में न्यायिक हिरासत में हैं। अधिकारियों में तत्कालीन वरिष्ठ अनुभागीय अभियंता एसएसई (सिग्नल) प्रभारी बालासोर अरुण कुमार महंत, तत्कालीन एसएसई (सिग्नल) सोरो एमडी अमीर खान और तत्कालीन तकनीशियन बालासोर पप्पू कुमार शामिल हैं।
कई धाराओं में केस दर्ज
मामले की जांच के दौरान सामने आए सबूतों के आधार पर आईपीसी की धारा 304 (भाग II) (गैर इरादतन हत्या), आईपीसी की धारा 34 आर/डब्ल्यू 201 (सामान्य इरादे से अपराध के सबूतों को गायब करना) और के तहत अपराध किया गया। उक्त आरोपी के खिलाफ रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 153 (जानबूझकर कार्य या चूक द्वारा रेलवे से यात्रा करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा को खतरे में डालना) का मामला बनाया गया था। तदनुसार, उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।
6 जून, 2023 को तत्काल मामला दर्ज
रेल मंत्रालय के अनुरोध, ओडिशा सरकार की सहमति और कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और ट्रेन दुर्घटना के संबंध में डीओपीटी (भारत सरकार) के अगले आदेशों के बाद सीबीआई ने 6 जून, 2023 को तत्काल मामला दर्ज किया था। 2 जून, 2023 को ओडिशा राज्य के बहनागा बाजार में मालगाड़ी। उक्त दुर्घटना के संबंध में पहले जीआरपीएस केस संख्या 64 दिनांक 3 जून, 2023 के तहत बालासोर जीआरपीएस, जीआरपी कटक (ओडिशा) में मामला दर्ज किया गया था। बड़ी साजिश और अन्य लोगों की संभावित संलिप्तता के पहलू पर आगे की जांच खुली रखी गई है।