वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आईसीआईसीआई ऋण मामले में गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि यह इस मामले में यह तीसरी बड़ी गिरफ़्तारी है। इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में ICICI बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।
चंदा कोचर के CEO रहते Videocon को मिला था लोन
बता दें कि वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन मिला था और ये तब मिला था जब चंदा कोचर बैंक की सीईओ थीं। आरोप है कि इस लोन के बदले दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल में वीडियोकॉन ने निवेश किया था। दीपक कोचर आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति हैं
जानिए कौन हैं वेणुगोपाल धूत
वेणुगोपाल धूत वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन हैं। भारत के अरबपति व्यक्तियों में इनकी गिनती होती है। 2015 में फोर्ब्स की सबसे अमीर लोगों की सूची में वेणुगोपाल धूत को 61वां स्थान हासिल हुआ था। तब धूत की संपत्ति 1.19 बिलियन डॉलर थी।
ये है पूरा मामला
मामले में आरोपों के अनुसार वेणुगोपाल धूत ने कथित तौर पर 2010 और 2012 के बीच वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा ऋण दिए जाने के कुछ महीनों बाद बदले में न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
सीबीआई (CBI) का आरोप है कि ऋण को एक समिति द्वारा मंजूरी दी गई थी, जिसमें चंदा कोचर एक सदस्य थीं। सीबीआई का आरोप है कि कोचर ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और वीडियोकॉन को 300 करोड़ रुपये मंजूर करने के लिए वेणुगोपाल धूत से अपने पति के माध्यम से अनुचित लाभ प्राप्त किया।
बता दें कि सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।