केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 का बजट निरंतरता कायम रखने और एक कर-अनुकूल व्यवस्था प्रदान करने में मददगार होगा।
वित्त मंत्री ने यहां उद्योग जगत के साथ बजट-बाद परिचर्चा में कहा कि बजट में इस तरह की व्यवस्था की गई है जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा तो वह इसका लाभ ले सकेगा। उन्होंने कहा कि यह बजट अगले 25 साल का दृष्टिकोण पेश करता है।
यह हमें दृष्टिकोण प्रदान करता है
सीतारमण ने कहा, ‘‘यह बजट निरंतरता कायम करने वाला, अनुकूल कर व्यवस्था उपलब्ध कराने वाला और हमारी अगले 20 से 25 साल की योजनाओं को पूरा करने वाला साबित होगा। यह हमें दृष्टिकोण प्रदान करता है और साथ ही बुनियादी ढांचे में हम जो हासिल करना चाहते हैं उसके लिए रूपरेखा भी प्रदान करता है। इससे हम खुद को गौरान्वित महसूस करेंगे।
सीतारमण ने कहा कि बजट में प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने पर जोर है। वित्त मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि देश अब भी कोविड-19 के प्रभाव से बाहर आने का प्रयास कर रहा है। देश को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए समर्थन देने वाली प्रणाली की जरूरत है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब बच्चों पर भी ध्यान देने की जरूरत है जिनकी शिक्षा के दो साल खराब हो गए हैं।
राज्यों की भागीदार की भूमिका
उन्होंने कहा कि बजट के जरिये यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यों में राज्यों की भागीदार की भूमिका हो। उनके साथ कोष साझा किया जा रहा है। राज्य भी बुनियादी ढांचा निर्माण में सक्रिय तरीके से भागीदारी कर सकते हैं।