BJP ने कांग्रेस अध्यक्ष को बताया निर्लज्ज, कहा- राहुल शहरी नक्सलियों का करते हैं समर्थन - Punjab Kesari
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BJP ने कांग्रेस अध्यक्ष को बताया निर्लज्ज, कहा- राहुल शहरी नक्सलियों का करते हैं समर्थन

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार 5 लोगों के मामले में उच्चतम न्यायालय ने दखल देने और आरोपियों

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार 5 लोगों के मामले में उच्चतम न्यायालय ने दखल देने और आरोपियों की रिहाई से इनकार कर दिया है। वही इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. भाजपा ने कहा है कि राहुल शहरी नक्सलियों का समर्थन करते हैं। वह निर्लज्ज हैं।

वही , भाजपा ने आगे कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से कांग्रेस पार्टी का पर्दाफाश हो गया है। पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया कि राहुल गांधी आप बार-बार राष्ट्रद्रोहियों के साथ खड़े क्यों नज़र आते हैं ? भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में शुक्रवार को उच्च्तम न्यायालय का जो फैसला आया है, उससे पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी का पर्दाफाश हो गया है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस मामले में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र हित की जीत है ।’’ पात्रा ने कहा कि ऐसे लोग जो राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करते हैं, उन्हें यह चुनने की छूट नहीं है कि वे किस प्रकार की जांच का सामना करेंगे और कानून कब और कैसे काम करेगा ।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला देश की जीत है। यह फैसला कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने का काम करती है ।
उन्होंने कहा कि अपने निजी स्वार्थ के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आज देश को कुचलने और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के लिए भी तैयार हैं ।

पात्रा ने सवाल किया, ‘‘ राहुल जी आप बार-बार राष्ट्रद्रोहियों के साथ खड़े क्यों नज़र आते हैं?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का एक ही नारा है – मोदी को हटाना है, अब चाहे पाकिस्तान हटा दे या माओवादी हटा दें, लेकिन देश की जनता राष्ट्र सुरक्षा और मोदी के साथ है ।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा प्रकरण के सिलसिले में पांच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप करने से शुक्रवार को इंकार करने के साथ ही इन गिरफ्तारियों की जांच के लिये विशेष जांच दल गठित करने का आग्रह भी ठुकरा दिया। महाराष्ट्र पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं को पिछले महीने गिरफ्तार किया था परंतु शीर्ष अदालत के अंतरिम आदेश पर उन्हें घरों में नजरबंद रखा गया था।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने 2:1 के बहुमत के फैसले से इन कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई के लिये इतिहासकार रोमिला थापर और अन्य की याचिकायें ठुकरा दीं।

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