राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम के तहत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को देश की राजधानी दिल्ली में विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें इन दलों के बीच भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ एक साझा उम्मीदवार उतारने पर सहमति बनी है, लेकिन भाजपा ने विपक्षी दलों की एकता की इस मुहिम को खारिज करते हुए यह कहा है कि विपक्षी दलों में अपनी-अपनी चौधराहट दिखाने की होड़ मची हुई है, इसलिए इस तरह की कवायद देखने को मिल रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्षी दलों की इस कवायद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्ष में अनेक नेता अपनी-अपनी चौधराहट दिखाने और बनाने के लिए अनेक प्रकार के क्रियाकलाप कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह विषय न तो भाजपा से संबंधित है और न ही देश से। दरअसल, किसी भी मौके का उपयोग करके विपक्ष के अंदर कौन अपना कद कितना बड़ा स्थापित करके दिखा ले, यह सिर्फ उसी की कोशिश को दिखाता है।
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा की तरफ से विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बातचीत की कवायद शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विरोधी नेताओं का मन टटोलने की कवायद के तहत राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, बीजू जनता दल सुप्रीमो नवीन पटनायक और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव सहित कई अन्य दलों के नेताओं से भी बातचीत की है। आने वाले दिनों में राजनाथ सिंह अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं से भी बातचीत करेंगे।
दरअसल, भाजपा का यह मत है कि देश के शीर्ष पद के लिए चुनाव की बजाय सर्वसम्मति से चयन होना चाहिए, इसलिए भाजपा की तरफ से देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत का जिम्मा पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह को सौंपा है।