कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को दावा किया कि देश में पक्षियों की प्रजातियां कम हो गई हैं।
942 पक्षी प्रजातियों में से 204 प्रजातियां रह गई
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘कुछ दिन पहले जारी किए गए परिश्रमपूर्वक तैयार किए गए स्टेट ऑफ इंडियाज़ बर्ड्स की दूसरी पुनरावृत्ति हमें कुछ चिंताजनक रुझानों की ओर इशारा करती है। मूल्यांकन की गई 942 पक्षी प्रजातियों में से 204 प्रजातियां, यानी लगभग एक-चौथाई, पिछले 30 वर्षों में घट गई हैं।’
बता दे कि कई प्रजातियां जो तेजी से घट रही हैं, उनके संरक्षित क्षेत्रों के बाहर आवासों की एक बड़ी श्रृंखला है, विशेष रूप से घास के मैदानों, नदियों और तटों जैसे आवासों में।’
जलवायु परिवर्तन और अवैध शिकार तथा व्यापार महत्वपूर्ण खतरे
रमेश ने आगे बताया कि भारत भर में पक्षियों को 3 प्रमुख आम खतरों का सामना करना पड़ता है – वन क्षरण, शहरीकरण और ऊर्जा बुनियादी ढांचा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और अवैध शिकार तथा व्यापार महत्वपूर्ण खतरे बने हुए हैं।
उन्होंने बताया कि पक्षियों और कई अन्य प्रजातियों की सुरक्षा के लिए संरक्षित क्षेत्रों से परे पूरे परिदृश्य को शामिल करने के दृष्टिकोण की आवश्यकता है। “एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि हाल ही में संशोधित वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में सूचीबद्ध अनुसूचियों, जिसका संसदीय स्थायी समिति ने विस्तार से अध्ययन किया है, को नवीनतम वैज्ञानिक साक्ष्य और विशेषज्ञों के परामर्श के आधार पर समय-समय पर समीक्षा और अद्यतन करने की जरूरत है।