गीता प्रेस गोरखपुर को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस को पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में चुना था। वहीं अब गीता प्रेस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। प्रेस ने एक करोड़ रुपये नकद पुरस्कार लेने से मना कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, वह केवल प्रशस्ति पत्र स्वीकार करेगा न कि नकद पुरस्कार।
गीता प्रेस ने सरकार को दी ये सलाह
रविवार को गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा की गई। पुरस्कार में एक करोड़ रुपये, प्रशंसा का एक प्रमाण पत्र और एक पट्टिका शामिल है। मानदेय लेने से मना करते हुए गीता प्रेस ने एक बयान में कहा कि सरकार को पैसा कहीं और खर्च करना चाहिए। गीता प्रेस ने कहा कि वह केवल प्रशंसा प्रमाणपत्र स्वीकार करेगी।
मोदी सरकार पर भड़की कांग्रेस
गीता प्रेस को अवॉर्ड देने का निर्णय कांग्रेस को पसंद नहीं आया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सरकार के इस कदम की निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देना, गोडसे और सावरकर को सम्मान देने जैसा है। इस बीच, PM नरेंद्र मोदी ने पुरस्कार जीतने के लिए गीता प्रेस को बधाई दी और क्षेत्र में इसके योगदान की प्रशंसा की।