अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में रहने वाली समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की पूर्व महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम (Rubina Khanum) का पैगंबर पर टिप्पणी (Comment On Prophet) विवाद को लेकर एक और बयान सामने आया है। रुबीना खानम ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) द्वारा निष्कासित प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को लेकर खाड़ी देशों (Gulf Countries) और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को नसीहत दी है। रुबीना खानम ने नूपुर को निष्कासित करने के भाजपा के फैसले की सरहना भी की है।
रुबीना खानम ने की BJP के फैसले की सराहना
रुबीना खानम ने कहा कि नूपुर शर्मा ने हमारे पैगंबर मोहम्मद के बारे में जो विवादित बयान दिया है, मैं उससे बहुत आहात हूं, मैं उनके इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं, किसी भी धर्म का या लोगों की धार्मिक भावनाओं का अपमान करना भारत की संस्कृति का हिस्सा नहीं है। रुबीना खानम ने कहा कि वो भाजपा के फैसले की सराहना करती हैं, नूपुर के निष्कासन भाईचारे की तरफ बढ़े एक कदम की तरह देखा जा सकता है।
हिंदू भगवानों का अपमान करने वाले कितने लोगों को किया निष्कासित?
रुबीना खानम ने आगे कहा कि मुझे इस बात का दुख होता है कि जब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता और विधायक भारत के 100 करोड़ हिंदुओं का अपमान करते हैं, उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं, लेकिन उनपर कोई सवाल नहीं उठते हैं और उनपर किसी तरह की कोई कार्रवाई भी नहीं की जाती है।’ उन्होंने ओवैसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘नूपुर शर्मा पर आप कड़ी करवाई की मांग कर रहे हैं लेकिन जब आपकी पार्टी के नेता हिंदुओं के भगवानों का अपमान करते हैं तब आप कुछ क्यों नहीं कहते?
रुबीना खानम ने दी ओवैसी को नसीहत
रुबीना खानम ने आगे कहा कि मैं पूछना चाहती हूं कि जब आप आपकी पार्टी के नेता 100 करोड़ हिंदुओं की आस्था का अपमान करते हैं, हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं, क्या आपने उन पर कोई कार्रवाई की है, क्या अपने उन्हें पार्टी से निष्कासित किया? आपको तो इस मसले में बोलने का कोई अधिकार ही नहीं है। खानम ने कहा बैरिस्टर साहब जिनकी शेरवानी खुद ही गंदी हो वो दूसरों को धोबीघाट का रास्ता नहीं बताते।
रुबीना खानम ने अरब देशों की प्रतिक्रिया पर भी उठाया सवाल
रुबीना खानम ने खाड़ी देशों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब म्यांमार में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा था तब यह देश कहां थे? मुझे बहुत दुख होता है जब एमएफ जैसे चित्रकार हिंदुओं के देवी देवताओं के अश्लील तस्वीर बनाते हैं, हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचते हैं, तब यह अरब देशों कुछ भी नहीं बोलते और चुप्पी साधे इन घटनाओं को अनदेखा करते हैं, यह तो हमारे इस्लाम के भी खिलाफ हैं।