महाराष्ट्र में बीते दिनों चले सियासी घमासान को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी प्रासंगिकता तेजी से खोती जा रही है और इसे खत्म हो जाना चाहिए ताकि देश में नई राजनीति की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त हो सके। ओवैसी ने यह भी कहा कि कांग्रेस (प्रदर्शन) के कारण ही बीजेपी के नेता नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री बन सके। हालांकि उन्होंने इस आरोप को खारिज कर दिया कि एआईएमआईएम चुनाव में कांग्रेस के वोटों को काटती है।
असदुद्दीन ओवैसी ने व्यंग किया कि अगर ऐसा है तो एआईएमआईए के कारण ही प्रज्ञा ठाकुर चुनाव जीत गईं और कांग्रेस के 22 विधायकों ने शिवराज सिंह चौहान को फिर से सत्ता में लाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया। ओवैसी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘आप देख रहे हैं कि कांग्रेस नीचे जा रही है। हम उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस कमजोर पड़ जाए ताकि देश में एक नई राजनीति शुरु हो सके। कांग्रेस के कारण ही नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री बने।’’
औरंगाबाद का नाम बदलने पर भड़के AIMIM सांसद, कहा-‘सस्ती राजनीति का बेहतरीन उदाहरण’
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि अगर मुसलमान राजनीतिक नेतृत्व में अपनी हिस्सेदारी को सही से समझेंगे तो कांग्रेस की राजनीति खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खराब स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब उसके नेता राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए बुलाया तो वह 100 लोगों को भी सड़क पर जमा करने में विफल रही।
ओवैसी ने मुस्लिमों से स्थानीय निकायों और विधानसभा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और दलित एवं आदिवासी समाज के साथ गठबंधन कर नेतृत्व बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कुछ विधायक तीन दशकों से अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन शिक्षा के बुनियादी ढांचे को विकसित करने में विफल रहे हैं जिसके परिणामस्वरुप मुसलमानों में साक्षरता सबसे कम है।
औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजीनगर करने के सवाल पर ओवैसी ने महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए कहा कि महा विकास आघाड़ी को पहले विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करना है। उन्होंने कहा, ‘‘2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राकांपा और कांग्रेस शिवसेना को सत्ता से दूर रखने के लिए लोगों से एआईएमआईएम को वोट नहीं देने की अपील कर रहे थे लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने सरकार बनाने के लिए शिवसेना से हाथ मिला लिया। यह इनके दोहरे मापदंड हैं। मैं राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं करता हूं, मैं संविधान में विश्वास रखता हूं।’’