एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस घटना पर बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा जहां दो महिलाओं की परेड कराई गई थी। सोशल मीडिया पर कल रात एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो मणिपुरी महिलाओं को नग्न घुमाते देख गया। जिसके बाद देश में लोगों के अदंर इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है, फिलहाल इस मामले में सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनको गिरफ्तार कर लिया है।
मणिपुर के सीएम की इस्तीफे की मांग की
इस बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के तत्काल इस्तीफे की मांग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मणिपुर में महिलाओं के साथ मारपीट के मामले की निंदा करने और इसे किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक घटना बताने के बाद ओवैसी की यह टिप्पणी आई। ओवैसी ने कहा, पीएम को वीडियो पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह अब वायरल हो गया है, वहां नरसंहार हो रहा है, न्याय तभी होगा जब मुख्यमंत्री को हटा दिया जाएगा।
पीएम मोदी के बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं नारे पर बोला हमला
इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने का आदेश देते हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी पहले क्यों नहीं बोले? क्या प्रधानमंत्री वीडियो पर प्रतिक्रिया देते, अगर यह वायरल नहीं हुआ होता? ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का क्या हुआ? ओवैसी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, प्रधानमंत्री को 80 दिनों के बाद मणिपुर में जारी हिंसा पर बोलने का कष्ट हो रहा है, जिसके दौरान भाजपा शासित राज्य में लूट आगजनी और बर्बरता की घटनाएं देखी गईं। मणिपुर में कम से कम 50,00 लोग विस्थापित हुए हैं। अब, प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर बोल रहे हैं।