सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना को नौकरी प्रदाता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। साथ ही जनरल रावत ने बीमारी या दिव्यांगता का बहाना कर ड्यूटी से बचने या लाभ प्राप्त करने वाले जवानों को चेतावनी भी दी। उन्होंने ड्यूटी के दौरान वास्तव में दिव्यांग होने वाले पूर्व सैनिकों और सेवारत जवानों को सभी मदद देने का भरोसा दिया।
जनरल रावत ने कहा, “अक्सर देखा गया है कि लोग भारतीय सेना को एक रोजगार का जरिया मानते हैं। नौकरी हासिल करने का जरिया।” जनरल बिपिन रावत ने कहा कि “कई लोग, नौजवान मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि मुझे आर्मी में नौकरी चाहिए। मैं उन्हें कहता हूं कि भारतीय सेना नौकरी का साधन नहीं है। नौकरी लेनी है तो रेलवे में जाएं या अपना बिजनेस खोल लीजिए।”
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उन्होंने कहा कि मैं आपके दिमाग से इस गलतफहमी को खत्म करना चाहता हूं। सेना का मतलब रोजगार नहीं होता। अगर आप आर्मी ज्वाइन करना चाहते हैं तो आपको शारीरिक और मानसिक कठोरता दिखानी होगी। आपके भीतर कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता होनी चाहिए।