केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में नशे और आतंक के मुद्दे पर अपने विचार रखे। उन्होंने मादक पदार्थो के कारोबार को ‘सीमा रहित अपराध’ करार दिया। इसके साथ गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की नशीली दवाओं के कारोबार और इस से होने वाली कमाई के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति ‘ की नीति है तथा इस लड़ाई को केंद्र और राज्य सहित सभी को मिलकर लड़ना होगा।
शाह ने कहा, ‘‘नशा मुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह लड़ाई केंद्र या राज्य की नहीं बल्कि हम सभी की है और इसके वांछित परिणाम के लिए बहु-आयामी प्रयास आवश्यक हैं।’’
ड्रग्स तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ से जुड़े लोग ‘मौत का कारोबार’ करने वाले लोग हैं और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करके इन्हें कानून के शिकंजे में लाना ही होगा।
लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘‘देश में मादक पदार्थ दुरुपयोग की समस्या और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाये गये कदम’’ विषय पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए शाह ने कहा, ‘‘यह सीमा रहित अपराध है। इस अपराध की कोई सीमा नहीं है। कोई भी कहीं से बैठकर मादक पदार्थ भेज देता है और इसमें हमारे बच्चे फंसते है एवं नस्लें बर्बाद होती हैं। ’’
ड्रग्स-आतंक पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
उन्होंने कहा कि सरकार की ड्रग्स के कारोबार और इस से होने वाली कमाई के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति है और इसे तीन हिस्सों में बांट कर लड़ा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मादक पदार्थ के कारोबार से मुनाफे का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में होने की सूचना भी है तथा इस दूषित धन का इस्तेमाल अर्थ तंत्र को भी खोखला करता है।
देश को नशा मुक्त करना पीएम मोदी का संकल्प
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ हम सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’’
पाकिस्तान से मादक पदार्थ भेजे जाने के कुछ सदस्यों के उल्लेख पर शाह ने कहा कि पाकिस्तान से अभी कोई कारोबार नहीं हो रहा है, ऐसे में सरहद से होकर नशीले पदार्थ नहीं आते हैं, लेकिन वहां से ड्रोन से आते हैं, सुरंग बनाकर भेजा जाता है और बदंरगाहों के रास्ते आते हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार बंद करने का विषय नहीं है बल्कि जो नये-नये तरीके खोजे जाते हैं उनसे निपटना होगा।
शाह ने कहा कि सामाजिक वातावरण तैयार करना होगा ताकि जो बच्चा इसमें फंस गया है, वह वापस आ सके और समाज उसे स्वीकार कर ले। उन्होंने कहा कि सभी सांसदों को मिलकर इस बारे में प्रयास करने की जरूरत है।
नशे के खिलाफ एकजुट होने की मांग
उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में सभी राज्यों के सहयोग के लिये आभार प्रकट किया और कहा कि इस लड़ाई में सभी राज्य कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘ ड्रग्स की छोटी से छोटी जब्ती को भी हम एकाकी रूप में नहीं देख सकते हैं। हवाई अड्डे या बंदरगाह से एक छोटी दुकान तक मादक पदार्थ कैसे पहुंचे इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। मुझे खुशी है कि राज्यों के सहयोग से ऐसे मामलों में जांच दोगुनी हुई है।’’