अमित शाह ने चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ की मौजूदा स्थिति के बारे में ली जानकारी , जानिए ! कितनी दूर है बिपरजॉय तूफान ! - Punjab Kesari
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अमित शाह ने चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ की मौजूदा स्थिति के बारे में ली जानकारी , जानिए ! कितनी दूर है बिपरजॉय तूफान !

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने चक्रवाती तूफान‘बिपरजॉय’ से निपटने और प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने चक्रवाती तूफान‘बिपरजॉय’ से निपटने और प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को नयी दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की।
सरकारी सूत्रों के अनुसार मौसम विभाग के महानिदेशक ने बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह को पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर सक्रिय गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चक्रवात के 14 जून की सुबह तक लगभग उत्तर की तरफ आगे बढ़ने की संभावना है। बाद में चक्रवात के उत्तर- उत्तर पूर्व की दिशा में आगे बढ़ने, सौराष्ट्र और कच्छ को पार करते हुए 15 जून की दोपहर तक जखौ बंदरगाह (गुजरात) के निकट मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच पाकिस्तान के तटों को पार करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चक्रवाती तूफान 125-135 किमी प्रति घंटे की लगातार हवा की गति से 150 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार तक पहुंच सकता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र पटेल, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, पुरुषोत्तम रूपाला, गुजरात सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, सचिव और जिलाधिकारी वर्चुअल तरीके से बैठक में शामिल हुए। केंद्रीय गृह सचिव, मौसम विभाग के महानिदेशक, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे। बैठक में श्री शाह ने कहा कि हमारा उद्देश्य चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ से होने वाले संभावित नुकसान को कम करना और जीरो कैजुअल्टी यानी एक भी जनहानि न हो यह सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 12 जून को हुई समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण निर्देशों पर तेजी से काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने राहत और बचाव कार्य के लिए पर्याप्त संख्या में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को तैनात किया है। इसके अलावा, सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल की टुकड़ियों को आवश्यकता अनुसार सहायता प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है।
श्री शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय और राज्य सरकार का कंट्रोल रूम चौबीस घंटे हालात पर नजर बनाए हुए है और भारत सरकार की सभी एजेंसियां किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने गुजरात सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था करने, बिजली, संचार, स्वास्थ्य और पेयजल आदि सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि किसी भी नुकसान के मामले में ये सेवाएं फौरन बहाल की जा सके। उन्होंने सभी अस्पतालों में मोबाइल और लैंडलाइन कनेक्टिविटी और बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि चक्रवात के कारण 8-10 इंच बारिश होने का अनुमान है, जिसके कारण कच्छ और सौराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होंने इससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों की समीक्षा करने की जरूरत पर जोर दिया।
श्री शाह ने सोमनाथ और द्वारका मंदिर के आसपास सभी आवश्यक तैयारियां करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश के अनुसार गिर के जंगल में प्राणियों और पेड़ की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने गुजरात के सांसदों और विधायकों से कहा कि वे लोगों को इस चक्रवात के खतरे को लेकर जागरूक करें और अपने-अपने क्षेत्र के लोगों की हरसंभव मदद करें तथा सभी विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र पटेल ने इस बैठक में चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के खिलाफ राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की तैयारियों और पूर्व तैयारियों की संपूर्ण जानकारी सभी को दी। उन्होंने बैठक में कहा कि चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले 8 जिले हैं, जिसमें कच्छ, जामनगर, देवभूमि द्वारका, मोरबी, पोरबंदर, जूनागढ़ और गिर सोमनाथ का समावेश होता है। इन जिलों में कुल 25 तहसीलें हैं जिसमें 0 से पांच किमी की दूरी में 260 गांव शामिल हैं और जिनकी कुल आबादी 14,60,300 है। 5 से 10 किमी की दूरी में स्थित क्षेत्र में 182 गांवों का समावेश होता है जिसकी कुल अनुमानित आबादी 4 लाख 50 हजार है।
उन्होंने कहा कि चक्रवात से असरग्रस्त होने की संभावना वाले 434 निचले इलाकों को भी चिन्हित किया गया है। इन 25 तहसीलों में 1521 आश्रय स्थानों की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। 8 जिलों में 450 अस्पतालों की पहचान की गई है, इन अस्पतालों में दवाई, उपकरण, मेडिकल स्टाफ और डीजी सेट की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में नमक की खेती करने वाले 868 अगरिया (नमक श्रमिक) तथा 6080 कामगारों की पहचान की गई है। 284 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। 5330 नमक श्रमिकों, वृद्धों और बच्चों समेत कुल मिलाकर 15,068 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा, अन्य 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम शाम तक पूरा कर लिया जाएगा।
श्री पटेल ने आगे कहा कि इन आठ जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 18 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 12 टुकड़ियों को तैनात किया गया है। महानगर पालिका और नगर पालिका क्षेत्र तथा सड़कों से 4050 होर्डिंगों को हटाया गया है। मछुआरों की कुल 21,595 बोटों को फिशिंग हार्बर में पार्क किया गया है। बंदरगाह के पास 27 जहाजों को खड़े किया गया है तथा 24 बड़े जहाजों को एंकर किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों एनडीआरएफ, सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के साथ संपर्क और समन्वय बनाकर रखा गया है। बिजली के खंभों के गिरने की स्थिति में मरम्मत के लिए ऊर्जा विभाग द्वारा संपूर्ण संसाधन-सामग्री के साथ टीम तैयार की गई है। चक्रवात के समय सड़कों की मरम्मत के संसाधनों की व्यवस्था की गई है। धराशायी हुए पेड़ को हटाने के लिए वन विभाग की टुकड़ियों तैनात की गई हैं। चक्रवात से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी पि्रंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाई जा रही है।

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