किसी देश की समृद्धि के लिए उसके किसान का समृद्ध होना आवश्यक होता है , किसान को अन्न दाता भी कहते है लेकिन खेत में मेहनत के बाद भी वो परिणाम नहीं मिल पाते जिस परिणाम की किसान आशा रखता है। किसानो के उत्थान के लिए विभिन्न प्रकार के संस्थान का गठन किया। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा नाबार्ड देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और किसानों की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
किसानों की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका
शाह यहां राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के 42वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।नाबार्ड पूरे देश में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और किसानों की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इन 42 वर्षों में नाबार्ड ने नए काम शुरू किए, खासकर पुनर्वित्त और पूंजी निर्माण के काम, जिन्हें बहुत अच्छे से आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि आज गांव आत्मनिर्भर तो बन ही रहे हैं, साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आत्मा कृषि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि और किसानों की जरूरतों को पूरा करने और कृषि उत्पादों को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था को 12 लाख करोड़ रुपये का पुनर्वित्त दिया गया है।
कृषि वित्त में अल्पकालिक ऋण बढ़कर 1.58 लाख करोड़
उन्होंने कहा, ”इन 42 वर्षों में नाबार्ड ने 14 फीसदी की विकास दर के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 20 लाख करोड़ की रीफाइनेंसिंग का काम किया है। शाह ने यह भी कहा कि कृषि वित्त में अल्पकालिक ऋण बढ़कर 1.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो 41 साल पहले सिर्फ 896 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा,1982 में कृषि वित्त में अल्पकालिक ऋण सिर्फ 896 करोड़ रुपये था, जो आज 1.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
डेयरी समितियों के प्रतिनिधियों को माइक्रो-एटीएम भी वितरित
लंबी अवधि के कर्ज पर गौर करते हुए उन्होंने कहा, ”अगर लंबी अवधि के कर्ज की बात करें तो यह रकम 1 करोड़ रुपये थी, आज 2300 करोड़ रुपये हो गई है। उन्होंने नाबार्ड के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 65 प्रतिशत ग्रामीण आबादी वाला देश इसके बिना समृद्ध नहीं हो सकता। शाह ने नाबार्ड के 42वें स्थापना दिवस के दौरान विभिन्न डेयरी समितियों के प्रतिनिधियों को माइक्रो-एटीएम भी वितरित किए।