अधिकार क्षेत्र के विस्तार को लेकर अफवाहों के बीच BSF ने कहा-नए कानून से पुलिस के साथ नहीं बढ़ेगा गतिरोध - Punjab Kesari
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अधिकार क्षेत्र के विस्तार को लेकर अफवाहों के बीच BSF ने कहा-नए कानून से पुलिस के साथ नहीं बढ़ेगा गतिरोध

बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक वाई बी खुरानिया ने भी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक

केंद्र सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। बीएसएफ ने भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि बीएसफ के पास पुलिस की तरह प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही बीएसएफ ने साफ किया कि नए कानून से पुलिस के साथ गतिरोध नहीं बढ़ेगा।
बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक वाई बी खुरानिया ने भी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक के इस दावे को ‘‘निराधार’’ बताया कि पुरुष सुरक्षाकर्मी महिलाओं की तलाशी लेते समय उनसे छेड़छाड़ करते हैं। उन्होंने कहा कि केवल महिला सुरक्षाकर्मी ही महिलाओं की तलाशी लेती हैं।
अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए सभी राज्य एजेंसियों के साथ समन्वय करता है। खुरानिया ने कहा, ‘‘कुछ वर्गों में यह धारणा निराधार है कि संबंधित अधिसूचना के जरिये बीएसएफ का राज्य पुलिस के साथ गतिरोध बढ़ेगा। बढ़े हुए क्षेत्राधिकार से बीएसएफ को पुलिस के हाथों को मजबूत करने में मदद मिलेगी। बीएसएफ के पास पुलिस की कोई शक्ति नहीं है, क्योंकि इसके पास प्राथमिकी दर्ज करने या जांच करने का अधिकार नहीं है।’’
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पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने संबंधी केंद्र के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करने के एक दिन बाद उनका यह बयान सामने आया है। प्रस्ताव में इस कदम को देश के संघीय ढांचे पर एक ‘‘हमला’’ करार दिया गया और कहा गया कि कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय है। पश्चिम बंगाल ऐसा प्रस्ताव लाने वाला पंजाब के बाद दूसरा राज्य बन गया है।
केंद्र सरकार ने हाल में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया है, ताकि बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के बजाय 50 किलोमीटर के बड़े हिस्से में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत किया जा सके।
खुरानिया ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में ‘निहित स्वार्थ’ हैं जो नहीं चाहते कि सीमा पार अपराधों के बेहतर प्रबंधन के लिए बीएसएफ और राज्य पुलिस के हाथ मजबूत हों। उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ को दी गई शक्तियां बहुत सीमित हैं। हस्तक्षेप की आशंकाएं अनावश्यक हैं। अब भी, जब हम छापेमारी करते हैं, हम राज्य पुलिस को सूचित करते हैं और उन्हें साथ भी लेते हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास पूर्वी कमान में महिला प्रहरी (महिला गार्ड) हैं जिनका इस्तेमाल महिलाओं की तलाशी के लिए किया जाता हैं। हमारे पास सीसीटीवी हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है जो ऐसी बातें कही जा रही हैं।’’  उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ एक अनुशासित बल है। किसी भी तरह की गलत हरकत को हल्के में नहीं लिया जाता है। साबित होने पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। जब भी ऐसी कोई घटना होती है तो हम पूछताछ के आदेश देते हैं और हम पुलिस को भी सूचित करते हैं। ऐसे मामलों में हमारी नीति कतई बर्दाश्त करने की नहीं रही है।’’
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक उदयन गुहा ने मंगलवार को विधानसभा में अपने भाषण में आरोप लगाया था कि तलाशी अभियान के बहाने बीएसएफ के जवान महिलाओं को ‘गलत तरीके से’ छूते हैं।

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