उत्तर प्रदेष के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का आज लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, ओम बिरला ,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जगत प्रकाश नड्डा , शिवराज सिंह चौहान , उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद, दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव, अखिलेश यादव, मायावती , कलराज मिश्र ने दुख व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्ति किया है।
श्री कोविंद ने शनिवार को ट्वीट करके कहा, ‘‘कल्याण सिंह का जनता से जादुई जुड़व था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ स्वच्छ राजनीति की और अपराधियों एवं भ्रष्टाचार का शासन समाप्त किया।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि श्री सिंह जिस भी पद पर रहे, उसकी गरिमा उन्होंने बनाये रखी। उन्होंने कहा, ‘‘उनके निधन से सार्वजनिक जीवन में एक खालीपन आ गया है। मेरी हार्दिक संवेदना।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि ”मैं शब्दों में अपनी निराशा व्यक्त नहीं कर सकता। कल्याण सिंह जी राजनेता, वरिष्ठ प्रशासक,जमीनी नेता और महान इंसान थे। उत्तर प्रदेश के विकास में अपने योगदान से उन्होंने अमिट छाप छोड़ है। उनके बेटे राजवीर सिंह से बात कर अपनी संवेदना व्यक्त की है। ओम शांति।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘ देश के सांस्कृतिक पुनर्जनन में कल्याण सिंह जी के योगदान को पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। भारतीय मूल्य उनके जीवन में रचे बसे थे। नहीं हमारी सदियों पुरानी परंपराओं पर गर्व था।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ कल्याण सिंह जी समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के करोड़ लोगों की आवाज थे। उन्होंने किसानों युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अनेक प्रयास किए।’’
गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा कि ‘‘ कल्याण सिंह जी के निधन से देश ने आज एक सच्चे राष्ट्रभक्त, ईमानदार एवं धर्मनिष्ठ राजनेता को खो दिया। बाबूजी एक ऐसे विराट वटवृक्ष थे, जिनकी छाया में भाजपा का संगठन पनपा और उसका विस्तार हुआ। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एक सच्चे उपासक के रूप में उन्होंने जीवनभर देश एवं जनता की सेवा की। ’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘ कल्याण सिंह जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कर्तव्यनिष्ठा एवं राजनीतिक कौशल से सुशासन की संकल्पना को साकार कर जनता को भय व अपराध से मुक्त एक जनकल्याणकारी शासन दिया और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार कर आने वाली सरकारों के लिए उत्कृष्ट आदर्श भी स्थापित किए।’’ श्री शाह ने कहा, ‘‘ जन-जन के हृदय में बसने वाले प्रखर राष्ट्रवादी आदरणीय कल्याण सिंह जी जैसा महान व्यक्तित्व ढूंढने पर विरले ही मिलता है। बाबूजी ने अपनी कर्मठता से विभिन्न संवैधानिक पदों पर रहते हुए किसान, गरीब और वंचित वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़कर देश की प्रगति में अपना अनुपम योगदान दिया। राष्ट्र, धर्म एवं जनता को समर्पित ऐसे विराट और आदर्शपूर्ण जीवन को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूँ। उनके निधन से देश और समस्त भाजपा परिवार शोकाकुल है। ये देश एवं आने वाली पीढ़ियाँ उनके वृहत योगदान के लिए सदैव ऋणी रहेंगी। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे। ॐ शान्ति शान्ति शान्ति।’’
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा कि कल्याण सिंह उप्र ही नहीं भारतीय राजनीति की वह कद्दावर हस्ती थे, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से देश और समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनका लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित रहा। वे उत्तर प्रदेश के अत्यंत लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में जाने गए। जनसंघ के समय से ही उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाने और समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की। श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी महती भूमिका के लिए उन्हें यह देश हमेशा याद रखेगा। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है और मेरे लिए तो यह बहुत ही पीड़ादायक क्षण है। कल्याण सिंह के निधन से मैंने अपना बड़ा भाई और साथी खोया है। उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असम्भव है। ईश्वर उनके शोक संतप्त परिवार को दु:ख की इस कठिन घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे। ओम शान्ति।
भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताया है।
श्री नड्डा ने शनिवार को ट्वीट से संदेश में कहा कि कल्याण सिंह जी ने सदैव गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण एवं अधिकारों हेतु संघर्ष किया।
उन्होंने कहा, ‘‘श्री सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा राष्ट्रहित और जनकल्याण को सर्वोपरि रखा। उन्होंने कभी भी आदर्शों से समझौता नहीं किया। उनके पुत्र राजवीर सिंह जी और परिवारजनों के प्रति गहरी शोक संवेदना। ’’ श्री सिंह का शनिवार रात को 89 वर्ष की उम, में लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में निधन हो गया। एक महीने पहले सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें ऑक्सीजन के सहारे रखा गया था, जिसके बाद बीते दिन उनकी हालत और बिगड़ गई थी।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान दें और शोक-संतप्त परिजनों को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। समाज, कल्याण सिंह जी को उनके युगांतरकारी निर्णयों, कर्तव्यनिष्ठा व शुचितापूर्ण जीवन के लिए सदियों तक स्मरण करते हुए प्रेरित होता रहेगा। भारतीय राजनीति में शुचिता, पारदर्शिता व जन सेवा के पर्याय, अप्रतिम संगठनकर्ता एवं लोकप्रिय जननेता आदरणीय कल्याण सिंह जी का देहावसान संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। राज्यपाल व उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य आदरणीय कल्याण सिंह जी अब हमारे बीच नहीं रहे।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने लिखा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के निवर्तमान राज्यपाल व हम सभी कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शक व प्रेरणास्रोत कल्याण सिंह बाबूजी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका निधन भारतीय राजनीति एवं भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
श्री बिरला ने अपने संदेश में कहा, ‘‘ कल्याण सिंह जी के निधन से आज हमने एक ऐसा विराट व्यक्तित्व खो दिया जिसने अपने राजनीतिक कौशल, प्रशासकीय अनुभव और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय स्तर पर एक अमिट छाप छोड़। वे वंचित वर्ग के उत्थान और सभी वर्गों के कल्याण को समर्पित रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अपनी सहजता और सरलता के कारण वह जनता में लोकप्रिय थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के विकास को नयी गति दी। राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर उनके सुदीर्घ अनुभव का लाभ दोनों राज्यों को भी मिला। उनका निधन राजनीति के एक युग का अंत है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।’’
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे श्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते कहा है कि राष्ट्र ने अपने एक अनमोल लाल को खो दिया है।
श्री चौहान ने अपने ट्वीट के जरिए कहा ‘उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह के रूप में आज राष्ट्र ने अपने एक अनमोल लाल को खो दिया। राष्ट्र एवं श्रीराम की सेवा के पुनीत कार्यों के लिए आप याद किये जायेंगे। प्रभु श्री राम अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति दें।’ मुख्यमंत्री ने अपने सिलसिलेवार ट््वीट में कहा ‘मुझे याद है कि जब मा। कल्याण सिंह जी ने श्रीराम मंदिर मामले में टिप्पणी की थी, तो कहा गया था कि यह कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट हो सकता है। उनका जवाब था कि अयोध्या करोड़ लोगों की आस्था का तीर्थ स्थल है। मैं भी उनमें से एक हूं। श्रीराम मंदिर नहीं बना तो कंटेम्प्ट ऑफ गॉड होगा।’ श्री चौहान ने कहा ‘श्री कल्याण सिंह जी भारतीय संस्कृति के सच्चे पूजक एवं रक्षक थे। एक महान नेता और मैंने अपने अग्रज एवं मार्गदर्शक को खो दिया है। यह मेरी निजी क्षति है।’
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
श्री मिश्र ने कहा कि उनका निधन राजनीति के एक युग का अवसान है।
श्री मिश्र ने उन्हें याद करते हुए कहा कि राजनीति की वह बड़ शख्सियत ही नहीं थे बल्कि वह ऐसे जननेता थे जिन्हें जनता मन से प्यार करती थी।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रीत्व और अपने अध्यक्ष पद रहते के समय को स्मरण करते हुए कहा कि राजनीति में दृढ़ निश्चय और संकल्प रख कार्य करने वाले और रिश्तों की गरिमा निभाने वाले वह विरल व्यक्तित्व थे। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि आरम्भ से ही आत्मीयता के साथ छोटे भाई सा स्नेह उन्होंने दिया। उनका जाना अपने अस्तित्व से जुदा होने जैसा है।
श्री मिश्र ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने लिखा कि अपनी विशिष्ट कार्यशैली से उत्तर प्रदेश की राजनीति पर अमिट प्रभाव डालने वाले मृदुभाषी राजनेता और हमारे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी का निधन दु:खद है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करें।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने लिखा कि रामलला के सच्चे सेवक, पूर्व राज्यपाल एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हमारे अभिवावक कल्याण सिंह जी बाबूजी हमारे बीच नहीं रहे। उनका जाना एक युग के अंत होने जैसा है। बाबू जी जैसा महान व्यक्तित्व का निधन, पार्टी ही नहीं अपितु पूरे राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्रीराम उनको अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं उनके परिजनों व चाहने वालों को यह वज्रघात सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह जी का निधन हृदय विदारक! दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति दे भगवान। विनम्र श्रद्धांजलि।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लिखा कि भाजपा के कद्दावर नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रहे कल्याण सिंह के निधन की खबर अति-दु:खद। उनके परिवार व समर्थकों आदि के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत उन सबको इस दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार देर शाम यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे।
पिछली तीन जुलाई को तबीयत बिगड़ने पर उन्हे लखनऊ के राममनोहर लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया था जबकि चार जुलाई को उन्हे एसजीपीजीआई शिफ्ट किया गया। इस दौरान कई बार श्री सिंह की सेहत में उतार चढाव आया मगर शुक्रवार को उनकी तबीयत एक बार फिर बिगड़ गयी थी और डाक्टरों के अथक प्रयास के बाद उन्हे बचाया नहीं जा सका।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गोरखपुर से लौटकर एसजीपीजीआई में जाकर श्री सिंह की सेहत के बारे में जानकारी एकत्र की थी। डाक्टरों ने उन्हे बताया था कि श्री सिंह की किडनी ने काम करना बंद कर दिया है जबकि उनका रक्तचाप भी नार्मल नहीं था। श्री योगी कई बार अस्पताल जाकर भाजपा के बुजुर्ग नेता के स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहे थे। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा,रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी लखनऊ आकर श्री सिंह से मिले थे।
श्री सिंह 1991 और 1997 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके है जबकि 2014 में उन्हे राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इसके बाद 2015 में उन्हे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।
‘बाबूजी’ के नाम से राजनीतिक गलियारों में पहचाने जाने वाले कल्याण ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद न सिर्फ अपनी सत्ता की बलि दी बल्कि इस मामले में सजा पाने वाले वह एकमात्र शख्सियत थे।