ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehad-ul Muslimeen) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने ऊपर दर्ज हुई एफआईआर (FIR) पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए कहा कि ‘मुझे एएफआइआर का एक हिस्सा मिला है, मैंने यह पहली ऐसी प्राथमिकी देखी है जिसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि मैंने अपराध क्या किया है… हम इससे डरने वाले नहीं है। अभद्र भाषा की निंदा करने और अभद्र भाषा बोलने की आपस में तुलना नहीं की जा सकती है।’
जानें FIR में क्या लगाए गए हैं आरोप
बताते चलें कि सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट करने के आरोप में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। ओवैसी के अलावा इस एफआईआर में यति नरसिंहानंद, नूपुर शर्मा, नवीन जिंदल समेत कई लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने लगभग 31 लोगों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने ओर उकसाने वाले पोस्ट करने के लिए एफआईआर दर्ज की है।
1. I’ve received an excerpt of the FIR. This is the first FIR I’ve seen that’s not specifying what the crime is. Imagine an FIR about a murder where cops don’t mention the weapon or that the victim bled to death. I don’t know which specific remarks of mine have attracted the FIR pic.twitter.com/0RJW1z71aN
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 9, 2022
सोशल मीडिया पर पूरी जांच करने के बाद दर्ज हुई FIR
दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ताओं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विवादित संत यती नरसिंहानंद और अन्य के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि सोशल मीडिया की जांच करने के बाद यह प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं।
जानें किन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जिन्होंने सार्वजनिक शांति बनाए रखने और विभाजन के आधार पर लोगों को भड़काने के खिलाफ संदेश पोस्ट तथा साझा किए।’’ उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 295 (किसी भी धर्म के अपमान के इरादे से प्रार्थना स्थलों का अपमान करना) और 505 (सार्वजनिक शरारत वाले बयान देना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।