कृषि मंत्री नरेन्द सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि पौष्टिक मोटे अनाजों के उपयोग को बढ़वा देने के लिए इस बार बड़ पैमाने पर इनकी खरीद की जायेगी और इसके लिए राज्यों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।बता दें कि तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मोटे अनाजों की खरीद के लिए राज्यों को केन्द, को प्रस्ताव भेजना होगा और उसके आधार पर उन्हें राशि उपलब्ध करायी जायेगी। राज्यों की ओर से जिन मोटे अनाजों की खरीद की जायेगी उसका वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से करना होगा।
किसानों को मिल रहा है लाभकारी मूल्य
आपको बता दें कि पिछले साल सात राज्यों ने 13 लाख टन मोटे अनाजों की खरीद की थी। इस बार और अधिक राज्यों को मोटे अनाजों की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है।कृषि मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहनों और तिलहनों की भी खरीद की जा रही है जिससे किसानों को लाभकारी मूल्य मिल रहा है। दलहनों के मामले में देश लगभग आत्मनिर्भर हो गया है जबकि तिलहनों के उत्पादन बढ़ने के लिए कई कदम उठाये गये हैं।
आधुनिक तकनीक से लोगों को हो रहे फायदे
तोमर ने ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना और आधुनिक तकनीक से लोगों को हो रहे फायदे की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इससे कहीं भी लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से अपना राशन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इससे अपने राज्य के बाहर जा कर काम करने वाले लोगों को सर्वाधिक फायदा हो रहा है।
अनाज लोगों को मुफ्त उपलब्ध कराया गया
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पांच लाख से अधिक दुकानों में पीओएस मशीनें लगायी गयी हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ है और फर्जी कार्ड का पता चला है। देश भर में 19 करोड़ राशन कार्ड हैं जिससे करीब 80 करोड़ लोग जुड़ हैं। राशन कार्ड से पोर्टेबल की सुविधा मिलने के कारण वर्ष 2019 में 93 करोड़ लेनदेन तथा 2022 में 39 करोड़ लेनदेन हुए हैं। तोमर कोविड संकट के दौरान गरीबों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराया गया तथा इसके लिए पांच किलोग्राम अनाज लोगों को मुफ्त उपलब्ध कराया गया। इस योजना पर तीन लाख 90 हजार करोड़ रुपये खर्च किये गये।