चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण के बाद कांग्रेस और भाजपा में श्रेय लेने की होड़ भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘इसरो’ की स्थापना को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का सपना बताया, तो वहीं भाजपा की तरफ से जवाब देते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इसरो की स्थापना की तारीख याद दिलाते हुए कहा कि इसरो की स्थापना अगस्त 1969 में हुई थी, जबकि जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु मई 1964 में हुई थी।
कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा, इसरो का सपना पंडित नेहरू ने देखा था, जिसे इंदिरा गांधी ने पोषित किया, राजीव गांधी ने महान ऊंचाइयों पर पहुंचाया और डॉ. मनमोहन सिंह ने नया मुकाम हासिल किया। सभी के लिए गर्व का क्षण, जब हम चंद्रमा पर विजय प्राप्त करने के लिए चंद्रयान 3 को उत्साहपूर्वक उड़ान भरते हुए देख रहे हैं! जय हिन्द
The @isro dreamt of by Pandit Nehru, nurtured by Indira Gandhi ji, and taken to great heights by Rajiv Gandhi ji and Dr. Manmohan Singh ji achieves a new milestone!
A proud moment for all, as we excitedly watch the #Chandrayan3 take off to conquer the moon!
Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/xXkMWwLKwG
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) July 14, 2023
कांग्रेस नेता के दावे पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण का श्रेय लेने की लालसा में, कांग्रेस ने दावा किया कि यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि नेहरू ने इसरो का ‘सपना’ देखा था। छोटा सा तथ्य यह है कि नेहरू की मृत्यु मई 1964 में हुई और इसरो की स्थापना अगस्त 1969 को हुई। बात यहीं ख़त्म नहीं होती। भारत द्वारा अब तक लॉन्च किए गए 424 विदेशी उपग्रहों में से 389 पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में लॉन्च किए गए थे। यह स्पष्ट है कि नेहरू ने सपने के अलावा बहुत कुछ नहीं किया। इससे भी बुरी बात यह है कि इंदिरा से लेकर मनमोहन तक किसी ने भी नेहरू के सपने को गंभीरता से नहीं लिया।