#MeToo के बाद अब #ManToo के जरिए पुरुष करेंगे महिलाओं के हाथों यौन शोषण का खुलासा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

#MeToo के बाद अब #ManToo के जरिए पुरुष करेंगे महिलाओं के हाथों यौन शोषण का खुलासा

#MeToo में जहां पीड़िताएं दशकों पहले हुए यौन उत्पीड़न की बात बता रही हैं, वहीं इसके विपरीत #ManToo

#MeToo कैंपेन तहत महिलाएं अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में खुलकर बोल रही है तो वही इस कैंपिंग के जरिये कई बड़े नाम सामने आ रहे जिनपर यौन शोषण का आरोप लगा है। वहीं इस कैंपेन के तहत 15 लोगों के एक समूह ने #ManToo आंदोलन की शुरुआत करते हुए पुरुषों से कहा कि वे महिलाओं के हाथों अपने यौन शोषण के बारे में खुलकर बोलें। इन लोगों में फ्रांस के एक पूर्व राजनयिक भी शामिल हैं जिन्हें 2017 में यौन उत्पीड़न के एक मामले में अदालत ने बरी कर दिया था।

#MeToo कैंपेन की शुरुआत शनिवार को गैर सरकारी संगठन चिल्ड्रंस राइट्स इनिशिएटिव फॉर शेयर्ड पेरेंटिंग (क्रिस्प) ने की। क्रिस्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार वी ने कहा कि समूह लैंगिक तटस्थ कानूनों के लिए लड़ेगा। उन्होंने मांग की कि #MeToo कैंपेन के तहत झूठे मामले दायर करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। यह उल्लेख करते हुए कि #MeToo एक अच्छा आंदोलन है, उन्होंने हालांकि कहा कि झूठे आरोप लगाकर किसी को फंसाने के लिए इसका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इस आंदोलन का परिणाम समाज में बड़ी मेहनत से अर्जित लोगों के सम्मान को धूमिल करने के रूप में निकला है। ”

#MeToo में जहां पीड़िताएं दशकों पहले हुए यौन उत्पीड़न की बात बता रही हैं, वहीं इसके विपरीत #ManToo कैंपेन में हालिया घटनाओं को उठाया जाएगा। #MeToo कैंपेन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यदि यौन उत्पीड़न का मामला सच्चा है तो पीड़िताओं को सोशल मीडिया पर आने की जगह कानूनी कार्रवाई का सहारा लेना चाहिए। इस अवसर पर फ्रांस के पूर्व राजनयिक पास्कल मजूरियर भी मौजूद थे जिन पर अपनी बेटी के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था, लेकिन 2017 में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। उन्होंने कहा कि #ManToo कैंपेन #MeToo कैंपेन का जवाब देने के लिए नहीं है, बल्कि यह पुरुषों की समस्याओं का समाधान करेगा जो महिलाओं के अत्याचारों के खिलाफ नहीं बोलते हैं।

पुरुषों के सहयोग में बोलते हुए पास्कल ने कहा, ‘पुरुषों के पास असली दुख हैं। वे भी पीड़ित हैं, लेकिन वे महिलाओं और अपने दुराचारियों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाते हैं। यह अच्छा है, लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि मानवता का आधा हिस्सा पुरुष हैं।’ बता दें कि पास्कल अदालती लड़ाई का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनकी पत्नी उन्हें बरी करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट चली गई थीं। फ्रांस के पूर्व राजनयिक की पत्नी के पास उनके तीन बच्चों का संरक्षण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 − four =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।