नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्रियों ने कोविड-19 के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए अपनी-अपनी राय प्रधानमंत्री के समक्ष रखी। मुख्यमंत्रियों के साथ बात-चीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा लगता है कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए देश भर में लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि को और दो सप्ताह बढ़ाने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच आपसी सहमति है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन उल्लंघन पर रोक लगाने और सामाजिक दूरी के नियम पर अमल सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने लिए अभी तक लिए गए निर्णयों के परिणाम जानने के लिए अगले तीन-चार हफ्ते बेहद निर्णायक साबित हो सकते हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर वर्तमान देशव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च को शुरू हुआ था और यह 14 अप्रैल को समाप्त होना है । डाक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी की रिपोर्ट पर मोदी ने कहा कि वायरस से निपटने में अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे सभी कर्मियों को सुरक्षात्मक और महत्वपूर्ण उपकरण मुहैया कराने के लिए कदम उठाए गए हैं ।
संवाद के दौरान मुख्यमंत्रियों ने महामारी से मुकाबला करने के लिये वित्तीय मदद की भी मांग की । सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अश्वस्त किया कि भारत में जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। साथ ही उन्होंने कालाबाजारी, जमाखोरी के खिलाफ सख्त संदेश दिया । मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्यों के समन्वित प्रयासों से कोविड-19 का असर घटाने में मदद मिली लेकिन चौकस रहना होगा । उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे सभी कर्मियों को सुरक्षात्मक और महत्वपूर्ण उपकरण मुहैया कराने के लिए कदम उठाए गए हैं । प्रधानमंत्री ने कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिये कृषि बाजार कानून में बदलाव समेत कुछ खास उपाय बताए जिससे कृषि उपज की बिक्री हो सके।