लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को घेरने के लिए गठबंधन इंडिया को तैयार किया गया है। जिसमें उन 26 दलों को शामिल किया गया है जो कभी एक दूसरे के सामने आना भी नहीं चाहती थी। लेकिन इनके एकजुटता कब तक रहने वाली है इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता? क्योंकि बार-बार इस गठबंधन में मतभेद और प्रतिस्पर्धा के किस्से सुनाई दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव में रणनीति बनाना तो दूर अभी तक इन दलों के बीच आपसी मतभेद ही खत्म नहीं हुआ । यूं कहे तो इन दलों का एक दूसरे पर विश्वास कायम नहीं हुआ। फिर चाहे वह कांग्रेस पार्टी हो या फिर आम आदमी पार्टी ही क्यों ना हो। जो पिछली बार पटना में 26 दिनों की बैठक हुई थी उस दौरान भी पार्टियों के बीच काफी अनबन देखने को मिली थी जिसको लेकर राहुल गांधी ने भी बैठक के बाद कहा था की एक जैसी ही चेहरे दिखाएं ना की सामने कुछ और और पीठ पीछे कुछ और। बता दे कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच तनाव का माहौल दिख रहा है।
AAP और कांग्रेस के बीच अनबन
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच की अनबन अभी तक शांत नहीं हुई थी कैसे बीच केजरीवाल सरकार कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी को काफी चुभन होने वाली है। बता दे कि आम आदमी पार्टी कि नेता केजरीवाल और पंजाब सरकार भगवंत मान 19 अगस्त के दिन छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले हैं। दोनों का रायपुर में दौरा है जहां वह नेताओं की जीत मंत्र देने वाले हैं। इस रैली में केजरीवाल और भगवंत मान आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गारंटी कार्ड भी देंगे। और इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के आप नेता और कार्यकर्ता शामिल होने वाले हैं। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, बता दें कि केजरीवाल और भगवंत मान का अगले ही दिन 20 अगस्त को मध्य प्रदेश के रीवा में भी एक कार्यक्रम है।
कांग्रेस की बढ़ी चिंता !
रीवा में रैली के दौरान केजरीवाल और भगवंत मान गारंटी कार्ड की भी घोषणा कर सकते हैं। 16 अगस्त के दिन आम आदमी पार्टी के संयुक्त सचिव पंकज सिंह ने बताया था की आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश के 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं । ये राज्य सिर्फ विधानसभा चुनाव के दायरे से ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव के लिए भी काफी अहम माने जा रहे हैं क्योंकि दोनो ही राज्यों में कुल मिलाकर 40 लोकसभा सीटें हैं। और दोनो राज्यों में आम आदमी पार्टी की सक्रियता देख कांग्रेस काफी बैचेन सा प्रतीत हो रहा है। यह चिंता यूं ही नहीं बल्कि जब जब आम आदमी पार्टी ने किसी राज्य में अपने पैर पसारे हैं तब तक कांग्रेस पार्टी को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।