26 विपक्षी दलों को मिलकर इंडिया गठबंधन बना, इस गठबंधन को बनाने का एक मकसद है भाजपा पार्टी को सत्ता से हटाना। इसी को लेकर सभी विपक्षी दलों ने आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर मिलकर लड़ाने की बात कही है। आपको बता दें कि इन सभी पार्टियों की कभी आपस में नहीं बनी है, क्योंकि सभी पार्टी की अपनी एक अलग विचाधारा रही है, और कोई भी पार्टी नहीं चाहती कि कोई भी दूसरी पार्टी उसके राज्य में कब्जा करे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव की सीटों को लेकर अभी से ही फूट देखी जा सकती है, फिलहाल दिल्ली में लोकसभा की सातों सीट भाजपा के पास है, जिसको लेकर इसका फायदा बीजेपी को लोकसभा चुनाव में हो सकता है।
जानिए कांग्रेस नेता अलका लांबा के बयान के बाद इंडिया गठबंधन हलचल
जानें क्यों कांग्रेस और आप में खींचतान दिखाने को मिली रही है, बता दें कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की, इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई, कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा, तीन घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी, खड़गे, केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया शामिल थे, हमें आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा गया है, यह निर्णय लिया गया है कि हम दिल्ली की सभी 7 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, सात महीने बचे हैं और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को सभी सात सीटों के लिए तैयारी करने के लिए कहा गया है।
आप ने इंडिया गठबंधन को लेकर किया ये इशारा
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयानों के बाद आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आई, आप ने सीधा इंडिया गठबंधन पर ही सवाल उठा दिए, कांग्रेस नेताओं के बयान पर आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि जब कांग्रेस गठबंधन नहीं करना चाहती तो फिर मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली विपक्षी गठबंधन की बैठक में आप का भाग लेने का कोई मतलब ही नहीं बनता।
पश्चिम बंगाल में भी दिखी फूट
पश्चिम बंगाल में CPI(M) ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से हाथ मिलाने से पीछे हट गई है, पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने साफ किया कि बंगाल की स्थिति अन्य राज्यों से अलग है, जिसके बाद पार्टी की केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल इकाई को लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की अनुमति दे दी।