7वें दिन भी संसद में गतिरोध बरकरार : हंगामे के बीच लोकसभा में 2 विधेयक पारित - Punjab Kesari
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7वें दिन भी संसद में गतिरोध बरकरार : हंगामे के बीच लोकसभा में 2 विधेयक पारित

संसद में राफेल सहित विभिन्न मुद्दों पर अलग अलग दलों के हंगामे के कारण लगातार सातवें दिन बृहस्पतिवार

संसद में राफेल सहित विभिन्न मुद्दों पर अलग अलग दलों के हंगामे के कारण लगातार सातवें दिन बृहस्पतिवार को भी गतिरोध बना रहा। लोकसभा में हंगामे के बीच ही दो महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया। हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद और राज्यसभा की बैठक शुरू होने के महज दस मिनटों के भीतर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। दोनों ही सदनों में हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल सुचारू रूप से नहीं चल पाये।

लोकसभा में सुबह कार्यवाही आरंभ होने पर राफेल मामले की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग करते हुए कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आ गए। तेदेपा सदस्य भी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर आसन के पास आ गए।

लोकसभा में लगे ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के लगे नारे , प्रदर्शन जारी

हंगामे के बीच सदन में एक प्रश्न पर पूरक प्रश्न के उत्तर दिये गये। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आसन के समक्ष हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की बैठक चलने देने का आग्रह किया। हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

बैठक फिर शुरू होने पर भाजपा के कुछ सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। वे राफेल मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहे थे।

इस बीच कांग्रेस के सदस्य राफेल मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे।
इसी दौरान वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2018-19 के लिए अनुदान की पूरक मांगें -दूसरा बैच दर्शाने वाला एक विवरण पेश किया। जेटली ने सदन में कंपनी (संशोधन) विधेयक-2018 भी पेश किया।

फारूक का कश्मीर में जल्द चुनाव पर जोर

शोर-शराबे के बीच अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल ने कावेरी नदी पर बांध और राजद के जयप्रकाश नारायण यादव एवं राजद से निष्कासित राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार में सूखे की स्थिति का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। हंगामे के कारण अध्यक्ष ने बैठक को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

दो बार के स्थगन के बाद बैठक जब फिर शुरू हुई तो केंद्रीय खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 को चर्चा के लिए रखते हुए इस विधेयक के बारे में जानकारी दी। इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य फिर से आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। तेदेपा के एम श्रीनिवास राव अपनी पार्टी से अकेले आसन के समीप खड़े थे। शोर-शराबे के बीच सदन में ‘उपभोक्ता संरक्षण विधेयक’ पर चर्चा पूरी हुई और इसे पारित किया गया।

इसके बाद हंगामे के बीच ही ‘राष्ट्रीय स्वपरायणता (आटिज्म) प्रमस्तिष्क घात (सेरिब्रल पेलिसी), मानसिक मंदता (मेंटल रिटार्डेशन) और बहु-निशक्तताग्रस्त (मल्टीप्ल डिसेबिल्टीज) कल्याण न्यास (संशोधन) विधेयक 2018’’ को हंगामे में पारित किया गया।

विधायी कार्यसूची के तहत तीन तलाक विरोधी ‘मुस्लिम विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ पर बृहस्पतिवार को चर्चा होनी थी। लेकिन सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के आग्रह पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे 27 दिसंबर की कार्यसूची में शामिल करने का फैसला किया।

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