मणिपुर उग्रवादी हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग अफसर समेत 7 की मौत, उग्रवादी समूह MNPF ने ली हमले की जिम्मेदारी - Punjab Kesari
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मणिपुर उग्रवादी हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग अफसर समेत 7 की मौत, उग्रवादी समूह MNPF ने ली हमले की जिम्मेदारी

जिम्मेदारी लेने के अलावा एक नोट भी जारी कर दिया गया है। उस नोट में आज की घटना

मणिपुर में दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों ने शनिवार को असम राइफल्स की एक टीम पर घात लगाकर हमला करने की जिम्मेदारी ली जिसमें एक कमांडर और उसके परिवार के सदस्यों सहित सात लोग मारे गए।
एमएनपीएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने एक संयुक्त बयान में दावा किया कि उन्होंने चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में अर्द्धसैन्य बल पर हमले को अंजाम दिया।
हमले में कर्नल त्रिपाठी ,उनकी पत्नी और 6 साल के बेटे सहित चार जवान शहीद 
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में शनिवार को आईईडी विस्फोटकों और गोलियों से हुए हमले में असम राइफल्स की खुगा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटे तथा बल के चार अन्य कर्मियों समेत सात लोगों की मौत हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह जानकारी दी।
ताजा उग्रवादी हिंसा में शनिवार सुबह हुए हमले में असम राइफल्स की खुगा बटालियन के कमांडिंग अफसर (सीओ) कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी, छह साल के बेटे के अलावा बल के चार अन्य कर्मियों की मौत हो गयी।
दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में अर्द्धसैन्य बल पर हमले की जिम्मेदारी ली है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी जानकारी 
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, “मणिपुर के चुराचांदपुर में असम राइफल्स के काफिले पर कायराना हमला बेहद दुखद और निंदनीय है। देश ने 46 असम राइफल्स के सीओ सहित पांच बहादुर सैनिकों और उनके परिवार के दो सदस्यों को खो दिया है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।’’

हमले की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सैनिकों और उनके परिवार का बलिदान भुलाया नहीं जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, “मणिपुर में असम राइफल्स के दस्ते पर हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं। इसमें शहीद हुए जवानों और परिवार के सदस्यों को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदानाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हमले पर आक्रोश जताया। शाह ने ट्वीट किया, ‘‘मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर किए गए कायराना हमले को लेकर गुस्से में हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। पूरा देश हमारे बहादुर सुरक्षा बलों के साथ खड़ा है। हमारे वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।’’

यह घटना चार जून 2018 के बाद से सुरक्षा बलों पर पहला बड़ा हमला है, जब चंदेल जिले में सेना के एक काफिले पर इसी तरह का हमला किया गया था जिसमें 18 कर्मियों की मौत हो गयी थी और अन्य घायल हुए थे। सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट की रोड ओपनिंग पेट्रोल (आरओपी) के कर्मी शहीद हो गए थे।
दशकों से उग्रवाद की गिरफ्त में रहे इस राज्य में पिछले कुछ वक्त से शांति थी।
शनिवार को मणिपुर के पहाड़ी इलाकों की शांति भंग करते हुए एक आईईडी धमाका हुआ और पर्वत से गोलियों की बौछार की गई। असम राइफल्स के जवानों ने आड़ लेते हुए हमले का जवाब दिया।
बल की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “46 असम राइफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी समेत पांच सैनिकों ने कर्तव्य निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। घटना में कमांडिंग अफसर की पत्नी और बेटे की भी जान चली गई। असम राइफल्स के महानिदेशक और सभी रैंक के अधिकारी बहादुर सैनिकों और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।”
इससे पहले असम राइफल्स की ओर से कहा गया था कि हमले में कमांडिंग अफसर और त्वरित प्रतिक्रिया दल के कर्मियों की मौत हुई।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने एक संयुक्त बयान में दावा किया कि उन्होंने चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में अर्द्धसैन्य बल पर हमले को अंजाम दिया।
इन दो संगठनों के साथ ही उल्फा-स्वतंत्र ने पिछले साल जुलाई में मणिपुर के चंदेल जिले में असम राइफल्स के तीन जवानों की हत्या कर दी थी।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह मणिपुर में आज कमांडिंग अफिसर और उनके परिवार के दो सदस्यों सहित असम राइफल्स के पांच बहादुर जवानों की शहादत से काफी दुखी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के सदस्यों के साथ हैं। हम आतंकवाद के इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं। ’’

असम राइफल्स देश का सबसे पुराना अर्द्धसैन्य बल है, जिसकी स्थापना 1835 में ब्रिटिश राज में हुई थी। यह प्रशासनिक रूप से गृह मंत्रालय के अधीन है, लेकिन ‘ऑपरेशनल’ नियंत्रण भारतीय सेना करती है।
असम राइफल्स ने मृतक अधिकारी को श्रद्धांजलि दी जो जुलाई 2021 में मणिपुर में तबादला किए जाने तक मिजोरम में सेवा दे चुके थे। बल ने एक बयान में कहा, ‘‘मिजोरम में अपने कार्यकाल के दौरान उनके सक्षम और ऊर्जावान नेतृत्व में बटालियन आईएमबी और आंतरिक इलाकों में अवैध तस्करी के प्रबंधन में सीमा में अग्रिम मोर्चे पर रही। बटालियन ने कई हथियार और युद्ध जैसी सामग्री भी बरामद की जो राष्ट्र विरोधी तत्वों के हाथों में जा सकती है। कर्नल विप्लव ने अपने उल्लेखनीय प्रयासों से मिजोरम के स्थानीय लोगों के साथ करीबी संबंध बनाए।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘उनकी बटालियन ने जनवरी 2021 में मादक पदार्थ रोधी जो अभियान चलाया उसकी काफी प्रशंसा की गयी। उनकी समाज के लिए सद्भावना अनंत काल तक बनी रहेगी।’’
कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अर्द्धसैन्य बल पर हमले की निंदा की है।

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