ओवैसी की मोदी को चुनौती - 56 इंच का सीना है तो अयोध्या पर अध्यादेश लाकर दिखाए सरकार - Punjab Kesari
Girl in a jacket

ओवैसी की मोदी को चुनौती – 56 इंच का सीना है तो अयोध्या पर अध्यादेश लाकर दिखाए सरकार

NULL

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई टल गई है। इस मामले को की सुनवाई को जनवरी 2019 तक टाल दिया। उसके बाद नेताओं की बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार मंदिर पर अध्यादेश क्यों नहीं लाती। हमेशा धमकी देते हैं कि हम अध्यादेश लाएंगे। बीजेपी, आरएसएस, वीएचपी के सभी टॉम, डिक और हैरी यही कहते हैं। हम कहते हैं इसे लाओ, आप पावर में हो। मैं आपको अध्यादेश लाने की चुनौती देता हूं। हमलोग देखेंगे।

साथ ही उन्होंने कहा कि 56 इंच का सीना है तो अध्यादेश लाकर दिखाएं। उन्होंने गिरिराज सिंह के बयान के बारे मे कहा कि जब जनवरी में सुनवाई शुरू होगी तब पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट में एटॉर्नी जनरल को हटाकर उनकी जगह गिरिराज सिंह को खड़ा करें। साथ ही उन्होंने कहा, कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाना गलत है। गौर हो कि केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने सुनवाई से पहले कहा था कि अब हिंदुओं का सब्र टूट रहा है। मुझे भय है कि हिंदुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा।

सुनवाई टलने के बाद बीजेपी नेताओं ने इस पर निराशा जताई। बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा, ‘सुनवाई कांग्रेस के दबाव में टाला जा रहा है। कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के जो वकील हैं, वो नहीं चाहते कि 2019 से पहले इनकी सुनवाई हो, वो इसे टालना चाहते हैं।’ कटियार ने कहा कि इसी तरह इसे आगे भी टाला जाएगा। ये रामभक्तों के घैर्य की परीक्षा ली जा रही है। हम कब तक सब्र करें। कांग्रेस वहां पहले से दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि या तो सब बता दें कि उन्हें कुछ नहीं करना है तो रामभक्तों को जो निर्णय करना है वो करेंगे।

वहीं, हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में श्रीराम मन्दिर का केस जनवरी तक लंबित होने के कारण अब मोदी सरकार तत्काल कानून बनाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन ये अच्छा संकेत नहीं है।

‘मई में शुरू हो सकती है सुनवाई’

मामले में पक्षकार निर्मोही अखाड़े के वकील रजीत लाल ने कहा कि इस मामले में अध्यादेश काम नहीं कराएगा। ऐसी उम्मीद लगाई जा सकती है कि फाइनल सुनवाई मई से शुरू होगी। इस मसले पर राजनीति बंद हो जाए तो मुस्लिम जमीन देने के लिए तैयार हैं।

आपको बता दें कि देश में राम मंदिर निर्माण को लेकर चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट में आज अयोध्या विवाद पर सुनवाई हुई। सोमवार को अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई मात्र 3 मिनट में ही टल गई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने अब इस मामले के लिए जनवरी, 2019 की तारीख तय की है। यानी अब ये मामला करीब 3 महीने बाद ही कोर्ट में उठेगा। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ये मामला अर्जेंट सुनवाई के तहत नहीं सुना जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × 3 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।