अरबिंदों के जीवन, दर्शन के पहलुओं पर लेख के लिए 150 विश्वविद्याालयों को शामिल किया जाना चाहिए : PM मोदी - Punjab Kesari
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अरबिंदों के जीवन, दर्शन के पहलुओं पर लेख के लिए 150 विश्वविद्याालयों को शामिल किया जाना चाहिए : PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्री अरबिंदो के जीवन और दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर लेख लिखने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि श्री अरबिंदो के जीवन और दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर लेख लिखने के लिए देश भर के 150 विश्वविद्यालयों को शामिल किया जाना चाहिए और उन लेखों का प्रकाशन भी किया जाना चाहिए।
विश्व के आध्यात्मिक गुरु के रूप में दुनिया भर में आध्यात्मिक योगदान करने की जिम्मेदारी भारत की 
प्रधानमंत्री ने श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती पर आयोजित किए जाने वाले ‘‘स्मरणोत्सव’’ के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह सुझाव दिया और कहा कि विश्व के आध्यात्मिक गुरु के रूप में दुनिया भर में आध्यात्मिक योगदान करने की जिम्मेदारी भारत की है।
इस उच्च स्तरीय समिति की यह पहली बैठक थी। समिति में विभिन्न क्षेत्रों के 53 सदस्य शामिल हैं।
संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने स्मृति समारोह के लिए कार्य योजना पर एक प्रस्तुति दी और सदस्यों से श्री अरबिंदो की 150वीं वर्षगांठ को उचित तरीके से मनाने के लिए परामर्श मांगा।
बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि श्री अरबिंदो के ‘क्रांति’ और ‘विकास’ के दर्शन के दो पहलू विशेष महत्व रखते हैं और स्मृति उत्सव के हिस्से के रूप में इस पर बल दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि युवाओं को श्री अरबिंदो द्वारा प्रतिपादित महामानव बनाने के लिए नर से नारायण के दर्शन में समाहित महानता की अवधारणा के अनुरूप प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुनिया के आध्यात्मिक गुरु के रूप में भारत की विश्व भर के देशों में आध्यात्मिक योगदान करने की जिम्मेदारी है और इस कड़ी में उन्होंने सुझाव दिया कि देश भर के 150 विश्वविद्यालयों को श्री अरबिंदो के जीवन और दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर लेख लिखने के लिए शामिल करना चाहिए और इस अवसर पर 150 लेखों को प्रकाशित करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर पुद्दुचेरी से श्री अरबिंदो के स्मृति उत्सव समारोह की शुरुआत करने का प्रस्ताव रखा।
बयान में कहा गया कि यह युवाओं को पुद्दुचेरी जाने और उनके जीवन और शिक्षाओं के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जहां श्री अरबिंदो ने 1910 से 1950 तक अपना जीवन व्यतीत किया था।
संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में श्री अरबिंदो के शिष्य रहे किरीट जोशी के साथ अपनी चर्चाओं और विचार-विमर्शों को याद किया।
उन्होंने कहा कि इन चर्चाओं ने उन्हें श्री अरबिंदो के विचारों से समृद्ध किया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने पर काम करते समय गहराई से परिलक्षित हुए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अरबिंदो के बारे में श्री किरीट जोशी के साहित्य को दुनिया भर में व्यापक रूप से प्रसारित किया जाना चाहिए।
इस बैठक के समापन से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिभागियों को उनके बहुमूल्य सुझावों और समय देने के लिए धन्यवाद दिया।
बयान के मुताबिक सभी सदस्यों ने राय व्यक्त की कि श्री अरबिंदो की समग्र शिक्षा की अवधारणा ‘‘नई शिक्षा नीति’’ का एक हिस्सा होना चाहिए और इसे महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।

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