इस बच्ची का संबंध उस संगठन से जिसने 22 मई को रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल और पूर्व राजनयिक चो तुन आंग की हत्या कर दी थी. वहीं इस बच्ची को संगठन के मुख्य आरोपी की बेटी बताया जा रहा है.
Myanmar News: म्यांमार की राजधानी यंगून में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 6 साल की बच्ची को आतंकवादी करार देकर गिरफ्तार कर लिया गया है. इस बच्ची का संबंध उस संगठन से जिसने 22 मई को रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल और पूर्व राजनयिक चो तुन आंग की हत्या कर दी थी. वहीं इस बच्ची को संगठन के मुख्य आरोपी की बेटी बताया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना दिनदहाड़े हुई थी जब जनरल सड़क पर मौजूद थे. म्यांमार की सेना समर्थित मीडिया ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार’ के अनुसार, इस मामले में कुल 16 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें यह नाबालिग बच्ची भी शामिल है.
इस विद्रोही संगठन ने ली हत्या की जिम्मेदारी
चो तुन आंग की हत्या की जिम्मेदारी एक विद्रोही समूह ‘गोल्डन वैली वॉरियर्स’ ने ली है. यह संगठन म्यांमार की सेना के खिलाफ सक्रिय है और उसका आरोप है कि जनरल चो तुन आंग नागरिकों पर होने वाले सैन्य अत्याचारों का समर्थन करते थे. इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया. इस संगठन को म्यांमार की सेना ने पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है.
सेना का निर्वासित सरकार पर आरोप
म्यांमार की सेना ने दावा किया है कि इस हत्या की योजना देश की निर्वासित सरकार ‘नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट’ (NUG) ने बनाई थी. उनका आरोप है कि हमलावर को हत्या के बदले लगभग 200,000 क्यात (करीब 95 अमेरिकी डॉलर) की रकम दी गई थी. हालांकि, NUG ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि वह किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करते और यह सेना द्वारा रचा गया झूठा प्रचार है.
तख्तापलट के बाद बिगड़े हालात
2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते गए हैं. चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से देश में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. विरोध करने वाले आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को जेल में डाला जा रहा है. स्वतंत्र मानवाधिकार संस्था AAPP की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 600 से अधिक बच्चों को गिरफ्तार किया जा चुका है और करीब 6,700 नागरिक मारे जा चुके हैं.
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मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन
म्यांमार की सेना का कहना है कि उसका उद्देश्य देश में शांति और स्थिरता बहाल करना है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. एक मासूम बच्ची को आतंकवाद से जोड़कर जेल में डालना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. यह घटना म्यांमार की सैन्य सरकार के क्रूर चेहरे को उजागर करती है और वैश्विक स्तर पर उसकी निंदा की जा रही है.