देहरादून में प्रशासन ने 15 अवैध मदरसों को सील किया, जिनका पंजीकरण नहीं था। मुख्यमंत्री धामी के आदेश पर यह कदम उठाया गया। मदरसा शिक्षा परिषद ने समर्थन किया, लेकिन मुस्लिम सेवा संगठन ने इसे अवैध बताते हुए विरोध किया।
उत्तराखंड के देहरादून में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। देहरादून जिले में बिना पंजीकरण कराए चलाए जा रहे 15 मदरसों को सील कर दिया गया है। देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने जानकारी दी कि जिले में सील किए गए मदरसों के उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद से संबद्ध नहीं थे। उनके नक्शे भी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर हुई कार्रवाई
डीएम ने बताया कि जिले में इस तरह के कुछ 60 मदरसे चलाए जा रहे हैं। कुछ मदरसों के परिषद से संबद्ध ने होने, उनके वित्तपोषण के स्रोतों के संदिग्ध होने तथा राज्य के बाहर के छात्रों के नाम भी वहीं पंजीकृत होने की सूचना मिली, जिसके बाद जनवरी में नगर निकाय चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इसे वेरीफाई करने के लिए अभियान चलाया गया था। इसके बाद ही यह कार्रवाई की गई।
मदरसा शिक्षा परिषद ने किया समर्थन
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने राज्य सरकार की इस कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मदरसों का पंजीकरण उनमें पढ़ने वाले बच्चों की बेहतरी के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में सबको साथ लेकर चलने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सभी मदरसों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम शुरू किया गया है, जिससे बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ मुख्य धारा की शिक्षा भी मिल रही है। कासमी ने मदरसा संचालकों से पंजीकरण करने के लिए आग्रह किया। उन्होंने बताया कि परिषद ने 51 मदरसों को मान्यता दी, जबकि 37 को मानक पूरा करने के लिए कहा गया है।
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मुस्लिम सेवा संगठन ने जताई नाराजगी
मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए इसे अवैध बताया है। उन्होंने कहा यह कार्रवाई अवैध है, क्योंकि मदरसा प्रबंधकों को कोई पूर्व नोटिस जारी नहीं किया। संगठन के नेता आकिब कुरैशी ने कहा कि देहरादून के सिटी मजिस्ट्रेट ने उनसे वादा किया था कि रमजान के दौरान वे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई नहीं केरेंगे, लेकिन उन्होंने अपना वादा तोड़ा।
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