उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कच्चे तेल का बड़ा भंडार मिलने की संभावना है। ONGC ने तीन वर्षों के लिए 6 एकड़ जमीन लीज पर लेकर खुदाई शुरू कर दी है। अगर यह संभावना सच साबित होती है, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को बदल सकता है और उत्तर प्रदेश में रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकता है।
उत्तर प्रदेश का बलिया जिला इतिहास लिखने के लिए तैयार है। दरअसल बलिया जिले के सागरपाली में स्थित रटूचक गांव में एक जमीन पर तेल का बड़ा भंडार मिलने की संभावना है। बता दें कि यह जमीन शेर-ए-बलिया चित्तू पांडेय के नाम पर है और दावा किया जा रहा है कि इस जमीन पर लगभग 300 किलोमीटर तक तेल का बड़ा भंडार हो सकता है। इस दावे के आधार पर ही ONGC ने तीन वर्ष के लिए जमीन को किराए पर ले लिया है और तेल ढूंढने के लिए खुदाई भी शुरू कर दी है। बता दें कि ONGC को लगभग 5 हजार मीटर तक खुदाई करनी होगी इसके बाद ही तेल मिलने की संभावना सच साबित हो जाएगी।
बलिया बदल सकता है देश की अर्थव्यवस्था
बलिया में लगभग 300 किलोमीटर तक कच्चे तेल और नेचुरल गैस मिलने की संभावना के आधार पर आधुनिक मशीनें दिन-रात खुदाई का काम कर रही है। अगर यहा कच्चे तेल का बड़ा भंडार मिलता है तो यह भारत देश की अर्थव्यवस्था बदल सकता है। साथ ही उत्तर प्रदेश में नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
ONGC ने किराए पर ली जमीन
ONGC ने प्रबल संभावना के आधार पर विनय पांडेय की जमीन को तीन वर्ष के लिए लीज पर खरीद लिया है। लगभग 6 एकड़ की जमीन को लीज पर ले लिया है इसके लिए ONGC चित्तू पांडे के परिवार को प्रति वर्ष 10 लाख रुपये का भुगतान करेगा।
तीन महिने तक की थी खोज
कच्चे तेल भंडार के संकेत मिलने से पहले गंगा बेसिन में तीन महिने तक सर्वेक्षण किया गया था। इसी सर्वेक्षण के आधार पर कच्चा तेल मिलने की प्रबल संभावना मिली थी। ONGC ने चित्तू पांडे के परिवार की जमीन लीज पर लेने के बाद विनय पांडेय की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होनें कहा कि मेरे परदादा स्वतंत्रता सेनानी थे उन्होनें देश के लिए लड़ाई लड़ी थी। अब उन्हीं की जमीन पर ही कच्चे तेल मिलने की संभावना से इतिहास रचा जा सकता है।