अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की पुष्टि करते हुए कहा कि उसे 2008 के मुंबई हमलों की योजना बनाने के आरोपों का सामना करना पड़ेगा। रुबियो ने कहा कि यह कदम हमलों में जान गंवाने वालों के लिए न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की पुष्टि करते हुए कहा कि उसे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में उसकी भूमिका के लिए आरोपों का सामना करना पड़ेगा। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि भारत के साथ मिलकर लंबे समय से इन हमलों में अपनी जान गंवाने वालों की न्याय की मांग कर रहे थे। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। जिनमें 6 अमेरिकी भी शामिल थे।
तहव्वुर राणा मुख्य आरोपी
26/11 मुंबई हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण हो गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग ने 10 अप्रैल, 2025 को जारी एक बयान में कहा कि राणा का प्रत्यर्पण जघन्य हमलों में मारे गए छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय मांगने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। न्याय विभाग के बयान में कहा गया है कि 64 वर्षीय राणा, एक कनाडाई नागरिक और पाकिस्तान का मूल निवासी है, जिसे 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में भूमिका निभाई थी। इस हमले से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर भारत में मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया गया था।
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NIA ने किया प्रत्यर्पण
बता दें कि राणा पर 2008 में मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों में भूमिका निभाना समेत कई अपराधों के आरोप हैं, जिनमें साजिश, हत्या, आतंकवादी कृत्य करना और जालसाजी शामिल है। 2008 की मुंबई हमले के पीछे मुख्य साजिशकर्ता को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कई वर्षों के निरंतर और ठोस प्रयासों के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राणा के प्रत्यर्पण को सफलतापूर्वक सुरक्षित कर लिया।
NIA के अनुसार, राणा को उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्यवाही के लिए अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। राणा द्वारा इस कदम को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाने के बाद आखिरकार प्रत्यर्पण हो गया।