2017 से पहले आदिवासियों को नहीं था वोट देने का अधिकार, CM Yogi का बड़ा दावा - Punjab Kesari
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2017 से पहले आदिवासियों को नहीं था वोट देने का अधिकार, CM Yogi का बड़ा दावा

2017 से पहले आदिवासियों के साथ होता था शोषण: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि 2017 से पहले आदिवासियों को वोट देने का अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद आदिवासियों को वोट देने का अधिकार मिला और उनकी स्थिति में सुधार हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि पहले आदिवासियों को राशन, पानी और बिजली जैसी सुविधाएं नहीं मिलती थीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदिवासियों के मतदान को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने से पहले आदिवासियों को वोट देने का अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा कि वामपंथी और मिशनरी आदिवासियों का ब्रेनवॉश करते थे। उन्होंने यह बयान लखनऊ में गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा 5.0 के सम्मान समारोह में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद उन्हें यह सुविधा दी गई। 2017 से पहले आदिवासियों को वोट देने का अधिकार नहीं था।

2017 से पहले नहीं मिलती थी कोई सुविधा

सीएम योगी आदित्यानाथ ने कहा, पहले राशन कार्ड और संपर्क की सुविधा नहीं थी। भाजपा सरकार आने के बाद उन्हें यह सुविधा दी गई। भाजपा ने थारू, मुसहर, कोल और गोंड समेत सभी जनजातियों को हर सुविधा दी। सीएम योगी ने कहा कि 55 गांवों में वनटांगिया को भी कोई अधिकार नहीं था। आदिवासियों की यह स्थिति राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बनने की ओर बढ़ रही थी। सीएम योगी ने कहा कि भले ही देश को 1947 में आजादी मिल गई थी, लेकिन 2017 से पहले वन विभाग और पुलिसकर्मी भी आदिवासी समुदाय के लोगों का शोषण करते थे।

भाजपा ने दी कई सुविधाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब भाजपा की सरकार आई तो इन गांवों को राजस्व गांव के रूप में मान्यता दी गई और उनके लिए तमाम योजनाएं वहां लागू की गईं। 2022 और 2024 के चुनाव में कई आदिवासी लोग पहली बार वोट देने आए हैं। भाजपा सरकार आने के बाद गांव-गांव सड़कें बनी हैं। अब हर घर में बिजली और पानी की सुविधा उपलब्ध है। सभी को घर मिल गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं और स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र बनाए जा रहे हैं। आदिवासियों को राशन, आयुष्मान योजना और पेंशन समेत हर सुविधा मुहैया कराई गई है।

कार्यकर्ताओं को किया सम्मानित

समारोह के अंत में मुख्यमंत्री ने सेवा कार्य में लगे कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और स्वयंसेवकों का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा राष्ट्र निर्माण और सामाजिक एकता की मिसाल है। यह हमें शंकराचार्य की यात्राओं की याद दिलाती है, जिनसे देश एक सांस्कृतिक सूत्र में बंधा।

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