शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकवादी संगठनों की मदद से सत्ता हासिल की और अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया। हसीना ने सवाल उठाया कि यूनुस को संविधान को छूने का अधिकार किसने दिया। इस बीच, बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ रहा है, और सेना ने दिसंबर तक आम चुनाव की मांग की है।
Bangladesh News: बांग्लादेश में इस समय राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि यूनुस ने आतंकवादी संगठनों की मदद से सत्ता अपने हाथ में ली है. उन्होंने दावा किया कि जिन कट्टरपंथी गुटों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैन लगा हुआ है, उन्हीं की मदद से यूनुस ने तख्तापलट किया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि यूनुस ने ऐसे लोगों की मदद ली है जिन्हें पहले आतंकवादी गतिविधियों के लिए पकड़ा गया था. उन्होंने कहा, “हमने देश को इन खतरनाक लोगों से बचाने के लिए कई सख्त कदम उठाए थे, लेकिन अब यूनुस ने सभी को जेल से छोड़ दिया है. आज बांग्लादेश में उन्हीं लोगों का बोलबाला है.”
‘संविधान का अपमान करने का आरोप’
पूर्व प्रधानमंत्री ने सवाल उठाया कि हमारे बंगाली राष्ट्र का संविधान, जिसे लंबे स्वतंत्रता संग्राम के बाद बड़ी मेहनत से बनाया गया था, उसे छूने का अधिकार इस व्यक्ति को किसने दिया, जो खुद ही गैरकानूनी तरीके से सत्ता में आया है? उन्होंने यह भी कहा कि यूनुस का कोई संवैधानिक पद नहीं है और फिर भी वह खुद को मुख्य सलाहकार बताते है.
‘अवामी लीग पर लगाया प्रतिबंध’
शेख हसीना ने यह भी आरोप लगाया कि मोहम्मद यूनुस ने उनकी पार्टी, अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है. उनका कहना है कि यूनुस देश में लोकतंत्र की आवाज को दबा रहे हैं और विपक्ष को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.
अंतरिम सरकार को हटाने की मांग तेज
बांग्लादेश में अब अंतरिम सरकार के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है. सेना और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने इस साल दिसंबर तक आम चुनाव कराने की मांग की है. वहीं मोहम्मद यूनुस का कहना है कि अगर उन पर किसी तरह का दबाव बनाया गया, तो वे जनता के साथ मिलकर उसका जवाब देंगे.
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तख्तापलट के बाद हसीना ने ली भारत में शरण
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था. इसके बाद शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा और उन्होंने भारत में शरण ली. तब से देश में लगातार राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है और अंतरिम सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं.