बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद थाईलैंड चले गए, जिससे सरकार में हलचल मच गई। हत्या के आरोपों से घिरे हामिद की अचानक यात्रा पर जांच समिति गठित की गई है। उनकी यात्रा को लेकर सरकार ने अधिकारियों को निलंबित और स्थानांतरित कर दिया है।
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां के हालात अस्थिर बनी हुई है। लेकिन इस बार वहां की सियासत में भूचाल आने की खबर है। दरअसल, बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद अंधेरे में देश छोड़कर चले गए। सुबह 3 बजे अब्दुल हामिद थाईलैंड के लिए रवाना हुए। वो ढाका अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से थाई एयरवेज की फ्लाइट से गए। उन्हें व्हीलचेयर पर एयरपोर्ट जाते देखा गया। जब सुबह अंतरिम सरकार की नींद खुली तो उन्हें पूर्व राष्ट्रपति के देश छोड़कर जाने का पता चला। बौखलाई बांग्लादेश सरकार ने अपने अधिकारियों को सस्पेंड और ट्रांसफर कर दिया। अब्दुल हामिद के देश छोड़ने पर यूनुस सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच कमिटी का गठन किया।
हत्या के आरोपी हैं अब्दुल हामिद
अब्दुल हामिद 2013 से 2023 तक दो कार्यकाल में बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे हैं। वह 2024 में आंदोलन के दौरान शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ दर्द हत्या के मामले में सह आरोपी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति किशोरगंज सदर पुलिस स्टेशन में 14 जनवरी को दर्ज हत्या के मामले में आरोपी हैं, जिसमें हसीना और उनके परिवार के सदस्य शेख रेहाना, सजीब वाजेद और साइमा वाजेद पुतुल भी सह आरोपी हैं।
अब्दुल हामिद के देश छोड़ने की जांच करेगी कमिटी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद की थाईलैंड यात्रा की जांच के लिए शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। उनके परिवार के सदस्यों का कहना है कि वह अपने भाई और बहनोई के साथ इलाज के लिए गए थे, लेकिन उनके राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि वह बांग्लादेश में मुकदमे से बचने के लिए भाग गए हैं।
आवामी लीग के सांसद थे अब्दुल हामिद
आपको बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले अब्दुल हामिद हसीना की आवामी लीग पार्टी से सांसद थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत आवामी लीग के छात्र संगठन, छत्र लीग से की थी। यूनुस की अंतरिम सरकार के अक्टूबर 2024 में छत्र लीग पर प्रतिबंध पर लगा दिया था।
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