संभल हिंसा में पुलिस पर फेंके गए ईट-पत्थरों से सरकार ने दो पुलिस चौकियों का निर्माण करने का निर्णय लिया है। ये चौकियां दीपा सराय और हिंदू खेड़ा में बनाई जा रही हैं, जिन्हें संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है। इस निर्माण से स्थानीय लोगों की सुरक्षा और पुलिस की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले में 24 नवंबर को हिंसा हुई। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हो गए। संभल हिंसा में पुलिस पर पथराव भी हुआ था। हिंसा में एसएसपी केके बिश्नोई, सीओ अनुज चौधरी गोली लगने से घायल हो गए थे। वहीं अन्य 29 पुलिसकर्मी भी पत्थर लगने से घायल हुए थे। अब सरकार ने फैसला किया है कि जिन ईट-पत्थरों को मारकर उपद्रवियों ने पुलिस के जवानों को घायल किया, उन्ही ईट-पत्थरों से संभल में दो पुलिस चौकियों का निर्माण किया जाएगा।
संवेदनशील हैं दोनों इलाके
संभल पुलिस की ओर से जानकारी दी गई कि इस समय संभल में सत्यव्रत पुलिस चौकी के अलावा 2 और पुलिस चौकियों का निर्माण हो रहा है। इन दोनों पुलिस चौकियों का निर्माण संभल के दीपा सराय और हिंदू खेड़ा इलाके में किया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि पुलिस चौकियों का निर्माण उन्ही ईट-पत्थरों से हो रहा, जिन्हें संभल हिंसा के दौरान पुलिस पर फेंका गया था। पुलिस ने जानकारी दी कि इस पुलिस चौकियों का निर्माण संभल के लोगों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। आपको बता दें कि दीपा सराय और हिंदू खेड़ा, दोनों इलाकों को पुलिस ने संवेदनशील इलाका घोषित कर दिया है। इसलिए यहां खास सुरक्षा के लिए दो पुलिस चौकियां बनाई जा रही हैं।
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पुलिस को मिलेगी मदद
पुलिस चौकी के निर्माण के पीछे पुलिस का तर्क था कि पुलिस चौकी के निर्माण से न केवल स्थानीय लोग सुरक्षित रहेंगे बल्कि पुलिसिंग में भी मदद मिलेगी। 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा में अब तक 70 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कई आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश के लिए संभल पुलिस ने जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं। कुछ दिन पहले पुलिस ने शाही जामा मस्जिद की दीवार पर 74 फरार आरोपियों की तस्वीरें भी लगाई थीं और उनकी पहचान बताने वालों को इनाम देने की घोषणा की थी।
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