रामनवमी के मौके पर अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्री रामलला का सूर्याभिषेक किया गया। इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे उनके माथे पर पड़ीं और चार लाख श्रद्धालुओं ने इस अलौकिक दृश्य का आनंद लिया।
अयोध्या के राम मंदिर में रामनवमी पर भगवान श्री रामलला का सूर्याभिषेक किया गया। सुबह से ही रामलला की पूजा-अर्चना शुरू हो गई। इस दौरान रामनवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने के लिए राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचे। रविवार 6 अप्रैल को ठीक 12 बजे सूर्याभिषेक हुआ और सूर्य की किरणें सीधे श्री रामलला के माथे पर पड़ीं। श्रद्धालुओं के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने रामनवमी पर कहा कि यह अद्भुत और अलौकिक है।
उत्साह से भरी है अयोध्या
अयोध्या नरेश दशरथ भगवान श्री राम सूर्यवंशी थे, जिस समय भगवान राम का जन्म हुआ, उस समय एक महीने तक भगवान सूर्य स्वयं उनकी लीला देखते रहे। इसलिए पांच मिनट का यह सूर्य तिलक बहुत महत्वपूर्ण है और सभी सनातन धर्मी इस आयोजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। महंत संजय दास ने कहा कि जिस तरह से भगवान उस पल का इंतजार कर रहे हैं, वह अपने आप में अटूट है और क्योंकि सभी सनातन धर्मी और हिंदू उस पल का इंतजार कर रहे हैं। रुड़की के वैज्ञानिक इसका परीक्षण कर रहे हैं, वे लंबे समय से लगे हुए हैं। पूरी अयोध्या उत्साहित है, क्योंकि भगवान राम का जन्म हुआ है और हम भगवान राम की नगरी में हैं।
लाइव देखा गया प्रसारण
उन्होंने बताया कि इससे पहले भगवान का पाठ हुआ, सुंदरकांड का पाठ हुआ और फिर हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। इस पूरे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया। साथ ही अयोध्या समेत कई शहरों में बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाकर इसका सीधा प्रसारण किया गया है। इस दौरान आज करीब 4 लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है।
दूसरी बार हुआ सूर्यतिलक
रामनवमी को देखते हुए मंदिर में दर्शन के समय में भी बदलाव किया गया है। शेड्यूल की बात करें तो रामनवमी के दिन सुबह से ही रामलला की पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। आपको बता दें कि कुछ वैज्ञानिक रामलला का तिलक करने की तैयारी में जुटे थे। इसलिए राम मंदिर में उपकरण भी लगाए गए। आपको बता दें कि पिछले साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरा मौका है जब राम मंदिर में सूर्याभिषेक किया गया है।
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