सूडान में जारी संघर्ष ने एक बार फिर से गंभीर मानवीय संकट को उजागर किया है। अर्धसैनिक समूह ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ (RSF) द्वारा ओमडुरमैन शहर के सबरीन बाजार में किए गए हमले में 54 लोगों की मौत और 158 से अधिक लोगों के घायल होने की घटना बेहद चिंताजनक है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हमले में 54 लोगों की मौत और 158 से अधिक लोग घायल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा गया कि शनिवार को सबरीन मार्केट में ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ (आरएसएफ) द्वारा किए गए हमले में कम से कम 158 अन्य लोग घायल हो गए। वही, इसको लेकर अब भी आरएसएफ की तरफ से इस संबंध में तत्काल कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।
घायल लोगों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल
संस्कृति मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता खालिद अल-अलीसिर ने हमले की निंदा की और कहा कि घायल लोगों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
चिकित्सा सुविधाओं की कमी
इस संघर्ष ने न केवल सैकड़ों निर्दोष नागरिकों की जान ली है, बल्कि महिलाओं और बच्चों को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इस हिंसा के कारण न केवल जीवन की हानि हुई है, बल्कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। अस्पतालों पर हमले और चिकित्सा सुविधाओं की कमी से स्थिति और अधिक दयनीय हो गई है।
बाजार में सबसे ज्यादा लोग हताहत
सूडान के ‘डॉक्टर्स सिंडिकेट’ ने आरएसएफ के हमले की निंदा करते हुए कहा कि एक गोला अल-नव अस्पताल से कुछ मीटर की दूरी पर गिरा, जहां बाजार में सबसे ज्यादा लोग हताहत हुए।
इसने कहा कि अस्पताल में लाए गए ज्यादातर शव महिलाओं और बच्चों के है। साथ ही इसने कहा कि अस्पताल में चिकित्सा दलों, विशेषकर सर्जन और नर्सों की भारी कमी है।
पिछले अप्रैल, 2023 में शुरू हुआ था सूडान में संघर्ष
सूडान में संघर्ष अप्रैल, 2023 में शुरू हुआ था जब सेना और आरएसएफ के सदस्यों के बीच तनाव राजधानी खार्तूम और विशाल पूर्वोत्तर अफ्रीकी देश के अन्य शहरों में लड़ाई में बदल गया था।
पिछले सप्ताह, दारफुर क्षेत्र के पश्चिमी शहर एल फशेर में आरएसएफ द्वारा किए गए हमले ने और अधिक गंभीर स्थिति पैदा कर दी। इस हमले में शहर के एकमात्र अस्पताल को निशाना बनाया गया, जिसमें लगभग 70 लोगों की मौत हो गई। यह हमला न केवल चिकित्सा सुविधाओं पर सीधा प्रहार था, बल्कि इसका असर व्यापक रूप से वहां की नागरिक आबादी पर भी पड़ा।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने सूडान में जारी हिंसा के संदर्भ में कथित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच शुरू कर दी है। वहीं, बाइडन प्रशासन ने आरएसएफ और उसके समर्थकों पर युद्ध के दौरान नरसंहार जैसे अपराधों का आरोप लगाया है।
यह संघर्ष न केवल सूडान की आंतरिक स्थिरता को हिला रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है।