दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर 200 टन स्टील स्पैन की सफल स्थापना - Punjab Kesari
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दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर 200 टन स्टील स्पैन की सफल स्थापना

बारापुला फ्लाईओवर पर स्टील स्पैन की स्थापना पूरी

दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के तहत एनसीआरटीसी ने बारापुला फ्लाईओवर पर 200 टन स्टील स्पैन की सफल स्थापना की है। यह स्पैन कॉरिडोर के वायाडक्ट को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। चुनौतीपूर्ण कार्य को दिल्ली प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से रात में पूरा किया गया। यह निर्माण नमो भारत कॉरिडोर की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।

दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के तहत सराय काले खां स्टेशन को जंगपुरा स्टेबलिंग यार्ड से जोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) ने बारापुला फ्लाईओवर पर 200 टन वजन के स्टील स्पैन के सफलतापूर्वक निर्माण और स्थापना का कार्य पूरा कर लिया है। यह स्पैन कॉरिडोर के वायाडक्ट को सुचारू रूप से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। यह विशेष स्टील स्पैन चार बड़े स्टील गर्डर्स से मिलकर बना है, जिनमें सभी की लंबाई 40-40 मीटर और वजन 50-50 टन है।इस चुनौतीपूर्ण कार्य को एनसीआरटीसी की टीम ने दिल्ली प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से रात के समय दो चरणों में पूरा किया। यह स्थान तकनीकी दृष्टि से काफी जटिल था, क्योंकि यहां एक नीचे जमीन पर नाला बह रहा है, तो दूसरी ओर इसके ऊपर बारापुला फ्लाईओवर स्थित है। नमो भारत कॉरिडोर को इन दोनों संरचनाओं को पार करते हुए उनके ऊपर से आगे बढ़ना है, जिसके लिए इस विशेष स्टील स्पैन का निर्माण किया गया। गर्डर्स को जमीन से उठाकर पहले फ्लाईओवर पर रखा गया और फिर फ्लाईओवर के दोनों ओर खड़ी क्रेनों की मदद से उन्हें निर्धारित पिलर्स पर सावधानीपूर्वक स्थापित किया गया।

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स्थापना प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा कारणों से इस क्षेत्र से गुजर रही 220 केवी की हाईटेंशन लाइन की बिजली आपूर्ति दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड के सहयोग से कुछ समय के लिए वैकल्पिक रूप से की गई। सभी सावधानियों और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए इस जटिल कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।एनसीआरटीसी आमतौर पर वायाडक्ट निर्माण में 34 मीटर के अंतराल पर पिलर्स बनाता है, लेकिन जहां मौजूदा ढांचों को पार करना होता है, वहां विशेष स्पैन्स का सहारा लिया जाता है। इन विशेष स्पैन्स के पार्ट्स का निर्माण पहले कारखानों में किया जाता है और फिर रात के समय ट्रेलरों के माध्यम से साइट पर लाकर वहां जोड़ा जाता है।

सराय काले खां स्टेशन के पास बन रहा जंगपुरा स्टेबलिंग यार्ड नमो भारत ट्रेनों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। फिलहाल दिल्ली के न्यू अशोक नगर से उत्तर प्रदेश के मेरठ साउथ तक के 55 किलोमीटर के खंड में 11 स्टेशनों पर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।एनसीआरटीसी का लक्ष्य 2025 तक पूरा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को आम जनता के लिए चालू करने का है। सराय काले खां से न्यू अशोक नगर तक के 4.5 किलोमीटर लंबे सेक्शन को अगले चरण में परिचालित किया जाएगा, जहां 13 अप्रैल से ट्रायल रन जारी हैं। यह पूरा सेक्शन कॉरिडोर की कनेक्टिविटी और दक्षता को और सशक्त बनाएगा।

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