'मुझे गोली मार दो और बंगभवन में दफन...', शेख हसीना ने क्यों कहे थे ये शब्द? - Punjab Kesari
Girl in a jacket

‘मुझे गोली मार दो और बंगभवन में दफन…’, शेख हसीना ने क्यों कहे थे ये शब्द?

शेख हसीना के इस्तीफे के पीछे की साजिश का खुलासा

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 2024 में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के दबाव में इस्तीफा दिया और देश छोड़ना पड़ा। इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के वकील के अनुसार, यह घटनाक्रम एक योजनाबद्ध सत्ता परिवर्तन की साजिश का हिस्सा था। सैन्य अधिकारियों के दबाव में हसीना ने कहा, ‘मुझे गोली मार दो और बंगभवन में दफन कर दो,’ और फिर भारत में शरण ली।

Bangladesh news: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए साल 2024 बेहद मुश्किल भरा रहा. देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें न केवल प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, बल्कि परिस्थितियों के चलते देश भी छोड़ना पड़ा था. इस बीच ताजा खुलासों में यह जानकारी सामने आई है कि यह घटनाक्रम किसी साधारण विरोध का परिणाम नहीं था, बल्कि एक योजनाबद्ध सत्ता परिवर्तन की साजिश थी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र के मुताबिक, इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के वकील मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक सनसनीखेज खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 5 अगस्त 2024 को जब सैन्य अधिकारियों ने शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया, तो उन्होंने जवाब दिया, “मुझे गोली मार दो और बंगभवन में दफन कर दो.” यह उनके इस्तीफे से पहले बोले गए अंतिम शब्द थे. इसके बाद उन्होंने भारत में शरण ली.

‘मोहम्मद यूनुस को सौंपी गई कमान’

इस बीच शेख हसीना की सत्ता के तख्तापलट होने के बाद बांग्लादेश की कमान कुछ समय के लिए अंतरिम सरकार को सौंप दी गई. इस दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इस अस्थायी प्रशासन का प्रमुख बनाया गया. हालांकि, छात्रों और आम नागरिकों में इस फैसले को लेकर असंतोष देखा गया, जिससे यूनुस सरकार के खिलाफ भी विरोध की लहर उठने लगी है.

सेना ने उठाई जल्द चुनाव की मांग

शेख हसीना सरकार के पतन के बाद सेना ने देश की बागडोर संभाली. बांग्लादेश की सुरक्षा और स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए सेना जल्द से जल्द आम चुनाव कराना चाहती है, जिससे वे अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर बैरकों में लौट सकें. हाल ही में हुई आपात बैठक में पांच लेफ्टिनेंट जनरल, आठ मेजर जनरल, स्वतंत्र बिग्रेडों के कमांडर और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

Indonesia पहुंचा भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, अध्यक्ष मुहम्मद रोफिकी से की मुलाकात

राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी

शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है. सेना की निगरानी में प्रशासन चल रहा है, लेकिन आम जनता और छात्रों के विरोध प्रदर्शनों ने यह साफ कर दिया है कि देश को स्थायित्व और लोकतंत्र की बहाली की सख्त जरूरत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

14 + six =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।