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मोबाइल रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन अनिवार्य: सरकार

मोबाइल रिपेयरेबिलिटी के लिए सरकार का नया दिशानिर्देश

केंद्र सरकार ने मोबाइल रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन अनिवार्य कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ओईएम को फ्रेमवर्क में दिए गए स्टैंडर्ड स्कोरिंग क्राइटेरिया के आधार पर इंडेक्स को सेल्फ डिक्लेयर करने की सिफारिश की है, जिससे उपभोक्ता सही चुनाव कर सकें। यह कदम उपभोक्ता को सशक्त बनाने और कंज्यूमर-फ्रेंडली इकोनॉमी की दिशा में उठाया गया है।

केंद्र सरकार ने शनिवार को जानकारी दी कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स (आरआई) पर फ्रेमवर्क के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

यह रिपोर्ट उन ग्राहकों की मदद के लिए पेश की गई है, जिन्हें उनके डिवाइस को लेकर रिपेयर के केस में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पैनल ने उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

समिति की सिफारिशें इंडस्ट्री को बिना किसी भी बाधा के इनोवेशन और ईज-ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर बेस्ट ग्लोबल प्रैक्टिस के अनुरूप तैयार की गई हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) को फ्रेमवर्क में दिए गए स्टैंडर्ड स्कोरिंग क्राइटेरिया के आधार पर रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स को सेल्फ डिक्लेयर करना जरूरी है, जिसमें कोई अतिरिक्त अनुपालन बोझ नहीं है।

इसके अलावा, समिति ने सिफारिश की कि रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स को पॉइंट ऑफ सेल/परचेज, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और पैकेज्ड प्रोडक्ट पर क्यूआर कोड के रूप में डिस्प्ले किया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ता जानकारियों के साथ सही चुनाव कर सकें।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सितंबर 2024 में रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स (आरआई) के फ्रेमवर्क को डेवलप करने के लिए अतिरिक्त सचिव भरत खेड़ा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की।

रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स का उद्देश्य एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना है, जहां उपभोक्ता प्रोडक्ट की खराब सर्विस से बच सकें और सही प्रोडक्ट का चुनाव कर सकें।

विभाग ने कहा कि उपभोक्ताओं को आसान और परेशानी मुक्त रिपेयर विकल्पों के साथ सशक्त बनाकर, यह एक आत्मनिर्भर, सस्टेनेबल और कंज्यूमर-फ्रेंडली इकोनॉमी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि कर रहा है।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर प्राप्त शिकायतों के विश्लेषण से पता चलता है कि मोबाइल और टैबलेट प्रोडक्ट कैटेगरी में शिकायतों में तेजी से वृद्धि हुई है। जहां 2022-2023 में शिकायतों की संख्या 19,057 से बढ़कर 2023-2024 में 21,020 और 2024-2025 में 22,864 हो गई।

इस विश्लेषण से उपभोक्ताओं की रिपेयर-पहुंच को सुधारने और उनके लिए रिपेयर-पोस्ट सेल सर्विस से जुड़ी जानकारियों की ट्रांसपेरेंसी की जरूरत समझी गई।

समिति ने विचार-विमर्श के आधार पर मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स के शुरुआती चरण में नोटिफिकेशन के लिए प्रोडक्ट कैटेगरी के रूप में स्मार्टफोन और टैबलेट को एक प्रोडक्ट कैटेगरी के रूप में पहचाना।

समिति निर्माताओं, उद्योग संघों, उपभोक्ता वकालत समूहों और सरकार के प्रतिनिधियों सहित प्रासंगिक हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी।

मंत्रालय ने कहा, “भारत में तकनीकी प्रगति तेजी से हो रही है और अधिक से अधिक उपभोक्ताओं की विभिन्न उपभोक्ता उत्पादों तक पहुंच है, इसलिए बिक्री के बाद मजबूत समर्थन और न्यायसंगत रिपेयर प्रैक्टिस की जरूरत तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में असंख्य उपभोक्ताओं के लिए किफायती रिपेयर विकल्पों तक पहुंच मौलिक है।”

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