ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना: देश की सबसे लंबी सुरंग से गुजरेगी ट्रेन - Punjab Kesari
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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना: देश की सबसे लंबी सुरंग से गुजरेगी ट्रेन

उत्तराखंड में ट्रेन प्रोजेक्ट से यात्रा होगी आसान

उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अंतर्गत देश की सबसे लंबी सुरंग से ट्रेन गुजरने वाली है, जिससे यात्रा समय में कमी और आरामदायक सफर सुनिश्चित होगा। इस परियोजना में 16 हजार करोड़ की लागत से 213KM लंबी रेल लाइन और 17 सुरंगें शामिल हैं। वर्ष 2027 तक ट्रेन चलने की उम्मीद है।

उत्तराखंड में जल्द ही ट्रेन प्रोजेक्ट का काम पूरा होने वाला है जिससे उत्तराखंड जाने के लिए और चार धाम यात्रा करने में आसानी होगी साथ ही दुर्गम पहाड़ों से गुजरती हुई ट्रेन से समय भी कम लगेगा और सफर भी आरामदायक होगा। बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना देश की सबसे लंबी सुरंग रेल परियोजना में से एक है जिसमें देवप्रयाग और जनासू के बीच लगभग 14.57 km तक ट्रेन सुरंग से होकर गुजरेगी। सबसे लंबी सुरंग से जाने वाली ट्रेन के लिए उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरंग T-8 के ब्रेकथ्रू का उद्घाटन किया था।

2026 में सभी लक्ष्य पूरा हो सकते है

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में लगभग 38 सुरंग ब्रेकथ्रू बनाए गए है जिसमें से लगभग 28 का काम पूरा हो चुका है। माना जा रहा है कि वर्ष 2026 में सभी लक्ष्य पूरा हो सकते है और वर्ष 2027 में उत्तराखंड में ट्रेन चल सकती है। बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कई आधुनिक मशिनों का प्रयोग किया गया है जिसमें टनल बोरिंग मशीन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही

16 हजार करोड़ की लागत

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना लगभग 16 हजार करोड़ की लागत से बन कर तैयार होगी जिसमें 83 प्रतिशत ट्रेन सुरंग से ही गुजरेगी। बता दें कि पहाड़ों को चीरती हुई रेल परियोजना की लंबाई कुल 213KM है और इसमें 17 सुरंग शामिल है। अभी तक रेल परियोजना का काम 190 किलोमीटर से ज्यादा हो गया है। पूरा काम होने के बाद उत्तराखंड की यात्रा करने में समय और परेशानी का सामना कम हो जाएगा।

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दो घंटे में तय होगी दूरी

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से समय में बचत होगी। बता दें कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक जाने के लिए हाईवे से लगभग 7-8 घंटे का समय लगता है लेकिन ट्रेन से सिर्फ 2 घंटे का ही समय लगेगा। यह परियोजना का उद्देश्य चार धाम को रेल नेटवर्क से जोड़ना है जिसमें पौड़ी, रुद्रप्रयाग जिला, देहरादून, टिहरी और चमोली को जोड़ा जाएगा।

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