अयोध्या में इस बार राम नवमी पर रामलला का सूर्य तिलक दोपहर 12 बजे होगा। अगले 20 सालों तक हर रामनवमी पर सूर्य की किरणें रामलला के माथे पर पड़ेंगी। रुड़की से आई वैज्ञानिकों की टीम ने विशेष मिरर और लेंस का इस्तेमाल किया है।
अयोध्या में राम नवमी इस बार और भी ज्यादा खास होने वाली है। दरअसल, इस रामनवमी से लगातार 20 साल तक राम जन्मोत्सव पर सूर्य की किरणें रामलला का अभिषेक करेंगी। मंदिर के शिखर से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम रुड़की से अयोध्या पहुंची है। इसके लिए खास तरह के मिरर और लेंस लगाए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार अगले 19 सालों तक सूर्य तिलक का समय हर साल बढ़ता जाएगा।
दोपहर 12 बजे होगा सूर्य तिलक
इस बार राम जन्मोत्सव का पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन ठीक दोपहर 12:00 बजे रामलला को सूर्य तिलक लगेगा। यह विशेष सूर्य तिलक हर रामनवमी यानी भगवान राम के जन्मदिन पर रामलला के माथे पर सुशोभित होगा। वैज्ञानिकों ने इसे “सूर्य तिलक मैकेनिज्म” नाम दिया है।
सीबीआरआई (केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान) रुड़की के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक तंत्र को इस तरह से डिजाइन किया है कि हर रामनवमी को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें भगवान राम की मूर्ति के माथे पर लगभग तीन से चार मिनट तक 75 मिमी के गोलाकार रूप में पड़ेंगी। गियर आधारित सूर्य तिलक तंत्र में बिजली, बैटरी या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
राम भक्तों के लिए लगेगा राम दरबार
मंगलवार को राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक हुई, जिसमें बताया गया कि राम मंदिर के पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना होगी। अप्रैल में 15 दिन के अंदर शुभ मुर्हूत पर इसे स्थापित किया जाएगा। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रथम तल पर राम भक्तों के जाने के लिए व्यवस्था की जाएगी। इसे भी आरती पास की निः शुल्क रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि इसमें 1 घंटे में लगभग 50 व्यक्ति और एक दिन लगभग 800 लोगों को ही पास मिलेगा। प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए राम मंदिर पहुंच रहे हैं, इसलिए यह सुविधा सभी श्रद्धालुओं को उपलब्ध नहीं होगी।
Ram Navami को लेकर भव्य उत्सव की तैयारी में अयोध्या, एक्शन मोड में प्रशासन | Ayodhya Ram Mandir