श्रीलंका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को भारतीय उच्चायुक्त ने द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण बताया है। इस यात्रा से कनेक्टिविटी, ऊर्जा और डिजिटलीकरण के क्षेत्रों में नए समझौते होने की संभावना है। मोदी 4-6 अप्रैल तक श्रीलंका में रहेंगे और 5 अप्रैल को कोलंबो में आधिकारिक कार्यक्रम होंगे।
श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस द्वीपीय देश की यात्रा को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंधों में नया एजेंडा जुड़ेगा। यात्रा के बारे में बोलते हुए झा ने मिडिया से कहा, यह बहुत महत्वपूर्ण यात्रा है। आज हमारे संबंध बेहतर हो रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी नई सरकार के तहत पहले विदेशी मेहमान के रूप में आ रहे हैं।
आपको याद होगा कि पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रपति दिसानायके ने अपने पहले विदेशी दौरे के रूप में भारत का दौरा किया था। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण यात्रा है। हम अनिवार्य रूप से मौजूदा समझ को आगे बढ़ाने और संबंधों में नया एजेंडा जोड़ने पर विचार कर रहे हैं। द्विपक्षीय संबंधों और अपेक्षित परिणामों पर चर्चा करते हुए भारतीय राजदूत ने कहा, हम बहुत व्यापक एजेंडे पर विचार कर रहे हैं। जब राष्ट्रपति दिसानायके दिल्ली आए थे, तो प्रधानमंत्री ने हमारी साझेदारी के तीन स्तंभों पर प्रकाश डाला था: कनेक्टिविटी, ऊर्जा और डिजिटलीकरण।
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हम इन क्षेत्रों में समझौते करेंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी कुछ समझौते होंगे और हम रक्षा सहयोग में एक रूपरेखा समझौता ज्ञापन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध पहले कभी इतने मजबूत नहीं रहे। उन्होंने कहा, वे बहुत अच्छी स्थिति में हैं। झा ने प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और कहा कि प्रधानमंत्री 4-6 अप्रैल तक यहां रहेंगे। 5 अप्रैल को कोलंबो में उनके आधिकारिक कार्यक्रम होंगे और 6 अप्रैल को वे अनुराधापुरम जाएंगे।