शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संभाजी महाराज पर आधारित फिल्म छावा देखनी चाहिए और दावा करना चाहिए कि गोलवलकर ने जो लिखा है वह गलत है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “असदुद्दीन ओवैसी की विचारधारा अलग है। हम वीर सावरकर में विश्वास करते हैं। कोई नहीं बता सकता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मानसिकता क्या है।
उन्होंने अपनी पार्टी से जुड़ी कई फिल्मों का विपणन किया है, चाहे वह ताशकंद फाइल्स हो, कश्मीर फाइल्स हो, छावा हो या द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर… अगर एमएस गोलवलकर ने छत्रपति संभाजी महाराज पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं, तो यह प्रधानमंत्री मोदी की जिम्मेदारी है कि वे फिल्म देखें और दावा करें कि गोलवलकर ने जो लिखा है वह गलत है।”
यह एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद आया है कि “संभाजी महाराज के लिए सबसे बुरे शब्दों का इस्तेमाल दिवंगत आरएसएस नेता एमएस गोलवलकर ने अपनी पुस्तक बंच ऑफ थॉट्स में किया था और हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर ने भी संभाजी महाराज के लिए सबसे बुरे शब्दों का इस्तेमाल किया था।”
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22 फरवरी को नई दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मराठी और हिंदी सिनेमा दोनों में महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा, “ये महाराष्ट्र और मुंबई ही है, जिन्होंने मराठी फिल्मों के साथ-साथ हिंदी सिनेमा को भी ऊंचा किया है और इन दिनों छावा की धूम मची हुई है।”
ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि देश के लिए वीर सावरकर की सेवा और योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सिरसा ने मीडिया से कहा, “वीर सावरकर ने इस देश के लिए जो सेवा और योगदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। अगर कोई उनके कामों को किसी खास धर्म के चश्मे से देखता है, तो यह उनकी सोच है। इसी तरह छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देश का गौरव हैं।”