अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) माइक वाल्ट्ज ने निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन की चीन एवं हिंद-प्रशांत संबंधी नीति के कई पहलुओं को जारी रखने के संकेत दिए हैं। यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) में एक सत्र में भाग लेते हुए माइक वाल्ट्ज ने यह बात कही। माइक वाल्ट्ज 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कार्यभार संभालेंगे।
वाल्ट्ज ने निवर्तमान एनएसए जेक सुलिवन के साथ परिचर्चा में कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का दृढ़ विश्वास है कि हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ टकराव से बच सकते हैं क्योंकि उन्हें हमारे बाजारों की आवश्यकता है। हम इस प्रभाव का उपयोग जब तक कर सकते हैं तब तक उसी तरीके से करने जा रहे हैं जो हमारे पास है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुरूप है।
वाल्ट्ज ने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं सत्र संचालक स्टीफन जे. हेडली से बातचीत में यह भी संकेत दिया कि वह पिछली कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में ‘अमेरिका-इंडिया कॉकस’ के लिए रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सुलिवन ने वहां उपस्थित लोगों को बताया कि वाल्ट्ज भारत में बहुत लोकप्रिय हैं और ‘अमेरिका-इंडिया कांग्रेसनल कॉकस’ भी बहुत लोकप्रिय है। सुलिवन पिछले सप्ताह भारत यात्रा पर आए थे।