आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जो भी भारत माता का सम्मान करता है और राष्ट्र के प्रति समर्पित है, वह संघ की शाखा में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि हर जाति और संप्रदाय के लोग संघ से जुड़ सकते हैं, केवल औरंगजेब के वंशजों को छोड़कर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ की शाखा में मुसलमानों के शामिल होने के बारे में एक चौंकाने वाला बयान दिया है। आरएसएस के चीफ मोहन भागवत 3 अप्रैल से पांच दिनों के लिए वाराणसी में ठहरे हैं। रविवार को मोहन भागवत लाजपत नगर पार्क में लगने वाले प्रताप शाखा में आए थे। वहां उन्होंने शाखा को संबोधित किया और स्वयंसेवकों के सवालों का जवाब दिया।
क्या बोले मोहन भागवत ?
विजय वर्मा नाम के बुजुर्ग स्वयंसेवक ने मोहन भागवत से पूछा कि हमारे बहुत से मुस्लिम मित्र है तो क्या वह संघ की शाखा में आ सकते हैं। इस पर मोहर भागवत ने कहा कि जो मां भारती का सम्मान करता है, जो भारत मां की जय जयकार करता है, जो ध्वज को प्रणाम करता है और जो भारत के प्रति समर्पित है, वो लोग शाखा में आ सकते हैं। मोहन भागवत ने कहा हर जाति- संप्रदाय के लोग संघ की शाखा से जुड़ सकते हैं, केवल औरंगजेब के वंशजों को छोड़कर।
मुस्लिम दोस्तों को जोड़ेंगे विजय वर्मा
मोहन भागवत का जवाब सुनने के बाद प्रश्नकर्ता विजय कुमार वर्मा ने निर्णय लिया कि वह मुस्लिम भाइयों को संघ की शाखा से जोड़ेंगे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं अपने संपर्क में आने वाले सभी मुस्लिम मित्रों को शाखा में आने का निमंत्रण दूंगा। लाजपत नगर शाखा में आए स्वयंसेवकों ने भी मोहन भागवत के इस बयान का स्वागत किया। इसके बाद मोहन भागवत ने सभी स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि सभी को अखंड राष्ट्र की अवधारणा के साथ काम करना होगा। स्वयंसेवकों ने कहा कि राष्ट्रहित में राष्ट्र को सर्वोच्च मानते हुए जो भी संघ की शाखा में आना चाहे, उसका स्वागत है।
दरअसल, आरएसएस हिंदुओं की शाखा है, जो समाज कल्याण के लिए काम करती है। लेकिन संघ के चीफ मोहन भागवत का बयान यह साबित करता है कि संघ किसी संप्रदाय से नहीं जुड़ा, यह राष्ट्रहित के लिए कार्य करता है।
हिंदू समाज में एकता की जरूरत, भारत एक संस्कृति : मोहन भागवत