उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद चार महीनों में 1.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 98 प्रतिशत गांवों से आवेदन आए हैं, जो यूसीसी के प्रति व्यापक समर्थन दर्शाते हैं। राज्य ने यूसीसी को सुलभ बनाने के लिए एक पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किया है।
उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद अब पंजीकरण कराने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 27 जनवरी, 2025 को इसके लागू होने के बाद से राज्य को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पोर्टल के माध्यम से 1.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य भर में लगभग 98 प्रतिशत गांवों से केवल चार महीनों में 1.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो यूसीसी के लिए व्यापक सार्वजनिक समर्थन का संकेत देते हैं। CM धामी ने कहा कि यूसीसी को लागू करने के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित की गई है। आम जनता के लिए प्रक्रिया को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए एक समर्पित पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। साथ ही गांव स्तर पर 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को सिस्टम के साथ जो़ड़ा गया है।
यूसीसी पर पीएम मोदी की अध्यक्षता में सीएम धामी का प्रस्तुतिकरण
PM नरेंद्र मोदी का जताया आभार
CM धामी ने बताया कि पंजीकरण के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए ऑटो-एस्केलेशन और शिकायत निवारण प्रणाली लागू की गई है। यूसीसी को सफलतापूर्वक लागू करने में उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए PM नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और विजन के तहत 2022 के विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में वादा किया गया था कि जनादेश मिलने पर उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया जाएगा। CM धामी ने बताया कि जीत हासिल करने के बाद पहले दिन से ही यूसीसी लागू करने का काम शुरू हो गया। 27 मई 2022 को न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर यूसीसी विधेयक का मसौदा तैयार किया गया।
कब पारित हुआ UCC?
राज्य सरकार ने 7 फरवरी 2024 को विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा, जिसके बाद राष्ट्रपति ने 11 मार्च 2024 को अपनी मंजूरी दे दी।आवश्यक नियमों और प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद, 27 जनवरी 2025 को पूरे उत्तराखंड में यूसीसी को औपचारिक रूप से लागू किया गया। इस प्रकार, उत्तराखंड समान नागरिक संहिता के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 44 की भावना को व्यावहारिक रूप से लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया।